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माघ महीना शुरू, गंगा स्‍नान से धुलेंगे पाप  (गंगा स्‍नान)

माघ महीना : माघ महीने को बेहद पवित्र महीना माना गया है. इस महीने का संबंध भगवान कृष्‍ण से है. पुराणों के अनुसार माघ शब्‍द ‘माध’ से बना है जो भगवान कृष्‍ण के माधव नाम से आया है. माघ महीने में गंगा स्‍नान  (गंगा स्‍नान) करना बहुत पुण्‍य देता है. साथ ही इस महीने में प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर कल्‍पवास भी किया जाता है. माना जाता है कि कल्‍पवास व्‍यक्ति के शरीर और आत्‍मा में नवीनता लाता है. माघ महीने में कई व्रत-त्‍योहार भी पड़ते हैं.

कब से कब तक है माघ मास
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास हिंदू कैलेंडर का 11 वां महीना होता है. इस साल माघ का महीना 26 जनवरी यानी आज से शुरू हो रहा है और 24 फरवरी को माघ महीना समाप्‍त होगा. माघ मास में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से बहुत लाभ होता है.

माघ मास में क्‍या करें क्‍या ना करें – माघ महीने में दान करने का बड़ा महत्‍व है. अपनी सामर्थ्‍य के अनुसार जो संभव हो दान जरूर करें. – दान करना लाभदायी है लेकिन ना तो किसी के दबाव में आकर दान करें और ना ही बुरे मन से दान करें. ना ही दान करने के बाद उसे किसी को बताएं, ना ही उस पर अहंकार करें. – दान ऐसे व्यक्ति को दें जो वाकई जरूरतमंद हो. साथ ही दान में अच्‍छी और उपयोग हो सकने वाली चीज ही दें.- कभी भी दान में मांस-मदिरा, नुकीली चीजें, लोहे की चीजें ना दें. – माघ महीने में तामसिक चीजों का सेवन गलती से भी ना करें. – माघ महीने में देर तक ना सोएं. साथ ही इस महीने की शुरुआत होते ही मौसम में बदलाव आना शुरू हो जाता है यानी कि ठंड कम होने लगती है और बसंत ऋ‍तु का आगमन होने लगता है. लिहाजा गर्म पानी की बजाय सामान्‍य जल से स्‍नान करें. – माघ महीने में तिल और गुड़ का सेवन करना बहुत फायदेमंद साबित होता है. – माघ महीने में भगवान कृष्‍ण को पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें. इसके बाद ‘मधुराष्टक’ का पाठ करें.

 

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