सूबे की एक मात्र शीत कालीन क्रीड़ा स्थली औली बर्फ बिना सूनी सूनी सी आई नजर !

जबकि छेत्र में प्राकृतिक झरने,नाले,ताल, सहित नलों तक में पानी जम गया है लेकिन मजाल है की औली में लगी स्नो गन बर्फ बना दे ताकि थोड़ा बहुत पर्यटकों को कृत्रिम बर्फ में ही सही स्कीइंग और स्नो फन का आनंद मिल सके, और आईस स्केटिंग रिंक में अगर आईस जम जाती तो औली मे स्कीइंग के अलावा एक और आउट डोर ऐडवेंचर का लुफ्त उठाते पर्यटक लेकिन अफसोस पर्यटन महकमे और GMVN की अगुवाई में ये स्नो मेकिंग सिस्टम और आईस स्केटिंग रिंक के हालात कब सुधरेंगे और कब यहां पर्यटको को कृत्रिम बर्फ में खेलने और आईस स्केटिंग रिंक में फन करने का मौका मिलेगा फिलहाल सबकी निगाहें 10जनवरी के आसपास होने वाले एक और पश्चिमी विक्षोभ पर टिकी हुई है,

25दिसंबर और न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर औली गोरसों पहुंचने वाले पर्यटकों को बर्फ नही दिखने से मायूसी हाथ लगी, ऐसे में बड़ी बात ये की बर्फबारी के सीजन में औली सहित सभी उच्च हिमालई छेत्र को बर्फ के लिए जूझना पड़ रहा है, स्थानीय पर्यटन कारोबारियों ओर स्कीइंग प्रेमियों की अभी भी आस है की बर्फबारी ज़रूर होगी और औली गोरसों की वादियां सहित गड़वाल हिमालय की हिम विहीन पर्वत श्रंखलाये बर्फ से लक दक होंगी, फिर से यहां चहल पहल लौटेगी ऐसे में आने वाले दिनों में वेस्टर्न डिस्टरबेंस कितना सक्रिय होगा यहां और बर्फबारी से पर्यटन कारोबार चमकेगा और पर्यटकों की बर्फबारी दिखने की मुराद भी पूरी होगी,,,,