राज्य

जिलाधिकारी ने जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक समीक्षा बैठक की

( रामजी लाल गोस्वामी)
मैनपुरी( ब्यूरो रिपोर्ट): बी.एच.एन.डी. सत्र आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालय परिसर में ही आयोजित हों, किसी भी दशा में प्राइवेट स्थल पर सत्र आयोजित न किए जाएं, सत्र स्थल पर वजन मशीन के साथ सभी उपकरण उपलब्ध रहें, आशा, प्रधान, कोटेदार, रोजगार सेवक का सहयोग लेकर घरेलू प्रसव की सूचना संकलित की जाए, घर पर पैदा होने वाले बच्चों के टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए, ऐसे परिवारों को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाए, प्रसूता को उपलब्ध कराये जा रहे नाश्ते-खाने की गुणवत्ता की जांच प्र. चिकित्साधिकारी स्वयं खाना खाकर चेक करें, सभी प्रसुताओं को ड्रॉपबैक की सुविधा मुहैया कराई जाए, डिस्चार्ज होने पर ही जननी सुरक्षा योजना का लाभ उपलब्ध कराया जाए, चिन्हित क्षय रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ उन्हें संचालित योजना का लाभ प्रतिमाह उपलब्ध कराया जाए, परिवार नियोजन के महिला-पुरुष नसबंदी, छाया टैबलेट, अंतरा इंजेक्शन के लक्ष्यों की प्रगति सुधारी जाए, परिवार नियोजन के कार्यक्रम में मलिन बस्तियों पर फोकस किया जाए, प्र. चिकित्साधिकारी अपने-अपने स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य विभाग की संचालित योजना का धरातल पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करायें, कोटेदारों से समन्वय स्थापित कर पात्र गृहस्थ, अंत्योदय राशन कार्ड धारकों के गोल्डन कार्ड बनाए जाएं।

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उक्त निर्देश जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक समीक्षा के दौरान देते हुए बी.एच.एन.डी. सत्र पर वजन मशीन उपलब्ध न होने पर प्र. चिकित्साधिकारी जागीर को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने, आशाओं के मानदेय के भुगतान में विलंब करने पर बीसीपीएम बेवर को नोटिस जारी करने, सुधार न होने पर सेवा समाप्त करने के आदेश दिए। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा के दौरान पाया कि 23837 वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष माह नवंबर तक 14650 संस्थागत प्रसव हुये, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घिरोर पर 2389 के सापेक्ष 1313, करहल पर 2381 के सापेक्ष 1324, बेवर पर 2999 के सापेक्ष 1080 एवं कुचेला स्वास्थ्य केंद्र पर 2802 लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 266 की ही पूर्ति की हुयी है, जिस पर उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुचेला, बेवर, करहल, घिरोर के प्र. चिकित्साधिकारियों को प्रगति सुधारने के निर्देश देते हुए कार्यक्रम के नोडल अधिकारी से कहा कि संस्थागत प्रसव के साथ-साथ निजी चिकित्सालय में होने वाले, घरेलू प्रसव की भी सूचना संकलित कर अगली बैठक में प्रस्तुत के साथ ही जननी सुरक्षा योजना के भुगतान में विलंब करने पर प्र. चिकित्साधिकारी जागीर को कार्यशैली में सुधार करने के निर्देश दिए।

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जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घिरोर, बेवर में आशाओं के मानदेय के भुगतान की प्रगति बेहद खराब पाये जाने पर प्र. चिकित्साधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कार्यों में लापरवाही बरतने वाले बीसीपीएम के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें, आशा, संगिनी के भुगतान में किसी भी स्तर पर विलंब न किया जाए। उन्होनेे परिवार कल्याण कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा करने पर पाया कि महिला नसबंदी के वार्षिक लक्ष्य 1000 के सापेक्ष अब तक मात्र 372, पुरुष नसबंदी के वार्षिक लक्ष्य 20 के सापेक्ष मात्र 05 की ही पूर्ति की गई है, अंतरा इंजेक्शन में 7150 वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष 6873, कॉपर-टी के वार्षिक लक्ष्य 20000 के सापेक्ष 11107, छाया टेबलेट वितरण के लक्ष्य 22130 के सापेक्ष मात्र 2985 टैबलेट का ही वितरण किया गया है, जो बेहद खराब है, प्र. चिकित्साधिकारी परिवार कल्याण के कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देकर प्रगति सुधारें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों का शत-प्रतिशत स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए, स्वास्थ्य परीक्षण में जिन बच्चों की सेहत में कमी आए, उन्हें बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जाए, नियमित टीकाकरण में गर्भवती महिलाओं के साथ लक्षित बच्चों को बीसीजी, पेंटा, खसरा के टीके समय से लगाए जाएं।
श्री सिंह ने क्षय रोग की समीक्षा करने पर पाया कि विशेष अभियान के अंतर्गत जिला कारागार में निरूद्ध बंदियों की स्क्रीनिंग करने पर 01 बंदी एच.आई.वी. पॉजीटिव पाया गया है जबकि 36 बंदी हेपेटाइटिस-बी, सी से ग्रसित पाए गए हैं, अभियान के दौरान 167 टी.बी. के नए मरीज भी मिले हैं, जिस पर उन्होंने पूर्व एवं वर्तमान में चिन्हित क्षय रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान किए जाने हेतु जिला क्षय रोग अधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने समीक्षा के दौरान कहा कि जनपद में एंबुलेंस 108, 102 के संचालन में पहले की अपेक्षा काफी सुधार हुआ है लेकिन अभी और सुधार की गुंजाइश है, मरीज को आवश्यकता पड़ने पर तत्काल एंबुलेंस उपलब्ध हो सुनिश्चित किया जाए। उन्होने प्र. चिकित्साधिकारियों, बीसीपीएम, बीपीएम को हिदायत देते हुये कहा कि आशा, संगिनी के भुगतान में किसी भी स्तर पर अवैध धनराशि की मांग न की जाए, आशाओं के मानदेय का समय से भुगतान हो।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ आर.सी. गुप्ता, मुख्य चिकित्साधीक्षक पुरूष, महिला डा. मदनलाल, डा. शिव कुमार उपाध्याय, जिला पूर्ति अधिकारी कयामुद्दीन अंसारी, जिला पंचायत राज अधिकारी तुलसी राम, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजीव राव बहादुर, डॉ. अनिल वर्मा, डा. बिजेन्द्र सिंह, डा. राकेश कुमार, डीएमसी यूनिसेफ संजीव पांडेय, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार, समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी रविन्द्र गौर, डीपीएम संजीव वर्मा, अराधना गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

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