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‘गॉड पार्टिकल’ के बाद वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता”(‘गॉड पार्टिकल) 

”गॉड पार्टिकल” : हिग्स बोसोन उर्फ ​​”गॉड पार्टिकल”(‘गॉड पार्टिकल)  और “ओह माय गॉड!” कण को पता लगाने वैज्ञानिकों ने पिछले कुछ सालों में शक्तिशाली कणों का पता लगाया है. शोधकार्ताओं ने एक ऐसे कण ‘सन गॉडेस’ की खोज की है जो मानव इतिहास का सबसे शक्तिशााली एटम हो जो पूर्व की खोज से दस लाख गुना आधिक ऊर्जा उत्पन्न करती है. हिग्स बोसोन उर्फ ​​”गॉड पार्टिकल” की खोज साल 2012 में CERN में की गई थी जबकि “ओह माय गॉड!” कण की खोज साल 1991 में की गई थी. यह अकल्पनीय रूप से ऊर्जावान ब्रह्मांडीय किरण उत्सर्जित करता था.

वैज्ञानिकों ने इस नए कण का नाम जापानी पौराणिक कथाओं में ‘सूर्य की देवी’ के नाम पर ‘अमातरसु कण’ रखा है. वैज्ञानिकों को यह नया पार्टिकल अमेरिकी राज्य उटाह के पश्चिमी रेगिस्तान में स्थित कॉस्मिक किरण वेधशाला टेलीस्कोप ऐरे में मिला. ये कण कॉस्मिक किरणों के माध्यम से अंतरिक्ष के सुदूर क्षेत्रों से आते हैं. ब्रह्मांडीय किरणें और उनकी उत्पत्ति अस्पष्ट बनी हुई है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि अधिकांश आकाशगंगा संबंधी घटनाएं जैसे कि ब्लैक होल, गामा-किरण विस्फोट और न्यूट्रॉन तारे का पतन से निकले ऊर्जा या फिर रहस्यमयी किरणों से उत्पन्न होती हैं.

टेलीस्कोप ऐरे ने ‘सूर्य की देवी’ या सन गॉडेस की खोज 27 मई, 2021 को तब की थी, जब यह उटाह के ऊपर वायुमंडल से टकराया था. पिंग-पोंग टेबल-आकार वाले 507 डिटेक्टरों में से एक को अमेतरासु के 23 कणों ने लगभग 244 एक्सा-इलेक्ट्रॉन वोल्ट (1 एक्सा-इलेक्ट्रॉन = 1 बिलियन गीगाइलेक्ट्रॉन-वोल्ट) ऊर्जा की डाटा इकट्ठा किया. 30 साल से भी पहले खोजा गया “ओह माय गॉड पार्टिकल” 320 एक्सा-इलेक्ट्रॉन वोल्ट था. नासा ने बताया कि ध्रुवीय अरोरा में एक इलेक्ट्रॉन लगभग 40,000 इलेक्ट्रॉन वोल्ट की ऊर्जा रखता है.

‘सन गॉडेस’ या ‘सूर्य की देवी’ के बारे में वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि यह ब्रह्मांड से किसी अत्यधिक ऊर्जावान घटना का एक महत्वपूर्ण संदेशवाहक है जिसके बारे में अभी हमारी समझ विकसित नहीं हो पाई है, हालांकि, इस रहस्यमयी कण की उत्पत्ति को जानने के लिए प्रयास की जा रही है.

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