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तुर्की ने अपने ही लोगों पर किया ‘वार'(तुर्की)

नई दिल्ली. तुर्की  (तुर्की) के सेंट्रल बैंक ने गुरुवार को अपनी प्रमुख ब्याज दर (बेंचमार्क वन वीक रेपो रेट) को 500 बेसिस प्वाइंट्स यानी 5 फीसदी बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया. यह बढ़ोतरी अर्थशास्त्रियों की उम्मीदों से दोगुनी है, जिन्होंने 250 बेसिस प्वाइंट्स यानी 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया था.

इस कदम को उच्च महंगाई और तुर्की करेंसी लीरा में गिरावट से निपटने के बैंक के प्रयास की निरंतरता के रूप में देखा गया. अक्टूबर में देश में महंगाई दर 61 फीसदी के पार पहुंच गई.

ब्याज दर में बढ़ोतरी की खबर के बाद डॉलर के मुकाबले लीरा 28.766 पर कारोबार कर रहा था, जो ग्रीनबैक के मुकाबले थोड़ा मजबूत था.
एक्सपर्ट
ब्लूबे एसेट मैनेजमेंट के इमर्जिंग मार्केट स्ट्रैटिजिस्ट टिमोथी ऐश उन कुछ एक्सपर्ट्स में से एक थे, जिन्होंने ब्याज दरों में 500 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ोतरी की उम्मीद की थी. उन्होंने एक नोट में कहा कि सेंट्रल बैंक ऑफ रिपब्लिक ऑफ तुर्की द्वारा वास्तव में प्रभावशाली कदम उठाया गया है. उन्होंने आगे कहा, “ये महंगाई से लड़ने को लेकर गंभीर हैं. हमें इसका श्रेय उन्हें देना होगा.”
डॉलर के मुकाबले लीरा में 35 फीसदी की गिरावट
सेंट्रल बैंक का फैसला ब्याज दरों में बढ़ोतरी की एक सीरीज के बाद आया है जो तुर्कों के लिए दर्दनाक रही है. देश का लक्ष्य आसमान छूती महंगाई और नाटकीय रूप से कमजोर मुद्रा को बदलना है. इस साल अब तक डॉलर के मुकाबले लीरा में 35 फीसदी की गिरावट आई है और पिछले 5 सालों में ग्रीनबैक के मुकाबले इसके मूल्य में 80 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है.

 

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