उत्तर प्रदेश

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने निजी विद्यालयों के प्रबंधकों को दिया आश्वासन, करेंगे मागों के लिए वकालत !

लखनऊ, 21 नवम्बर – वित्तविहीन स्कूल प्रबंधक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय सम्मेलन में प्रदेश सरकार के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आश्वासन दिया कि वे उनकी मागों को मनवाने के लिए वकालत करेंगे। मुख्यमंत्री के नाम संबोंधित ज्ञापन को पहुंचाएगे तथा मांगों को मनवाने के लिए पूरा प्रयास करेगे। श्री खन्ना मंगलवार को राजधानी के विश्वेश्वरैया सभागार में एसोसिएशन के प्रांतीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि पद से विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि वे एसोसिएशन की मांगों को पूरा करने के लिए सरकार से अपेक्षा करते हैं कि उन पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाए।

एसोसिएशन के प्रांतीय सम्मेलन में प्रदेश भर से आये लगभग छह सौ प्रबंधकों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री खन्ना ने कहा कि देश के निर्माण में सबसे बड़ा कार्य शिक्षकों का है। उन्होंने कहा कि आप लोग व्यक्ति विकास के कार्य में लगे हैं, यह राष्ट्र निर्माण का कार्य है। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालय असेवित क्षेत्रों में कम संसाधनों के साथ कई तरह की समस्याओं का सामना करते हुए शिक्षा का प्रसार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश में क्वालिटी एजूकेशन के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार ने कल्याण सिंह जी के कार्यकाल में नकल विरोधी कानून बनाया था जिसे उसके बाद आयी सरकार ने समाप्त कर दिया। इससे प्रदेश में यह संदेश चला गया कि नकल की अनुमति मिल गई है। इससे पूरी शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर गई। उन्होंने कहा कि अब 2017 में सरकार में वापसी के बाद भाजपा ने फिर से नकल रोकने काम किया है इसमें उसे सफलता मिली है।

मुख्य अतिथि श्री खन्ना ने आगे कहा कि प्रदेश में बजट का 14 से 15 प्रतिशत शिक्षा पर व्यय होता है। हमने प्रयास करके एडेड स्कूलों को अपने संसाधन बढाने की अनुमति प्रदान करायी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नाम संबोधित ज्ञापन आपने हमें सौंपा है उसे हमने पढ़ा है। हम मुख्यमंत्री जी के पास पहुंचाकर आपकी पूरी वकालत करेंगे। सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि निजी विद्यालयों पर गुणवत्ता परक शिक्षा उपलब्ध कराने की बड़ी जिम्मेदारी है। शिक्षा के क्षेत्र में आप लोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालय का संचालन एक बड़ी चुनौती है। भारतीय जनता पार्टी आपके विषयों और समस्याओं के प्रति गंभीर और संवेदनशील है। जो समस्याएं हैं उनका समाधान सरकार को करना चाहिए। हालांकि सरकार की अपनी मर्यादा है, दोनों को बैठकर विचार करके समस्याओं का समाधान निकालने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार मर्यादा के अनुरूप आपकी समस्याओं का समाधान करे ऐसी मेरी अपेक्षा है।

विशिष्ट अतिथि प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा कि निजी विद्यालयों की समस्याएं सरकार के संज्ञान में हैं। इस सम्बन्ध उचित निर्णय लिया जाएगा। निर्णय आपके हित में होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी वोट के लिए काम नहीं करती देश हित के लिए काम करती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मोदी जी देश हित और राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करते हैं उसी तरह से निजी विद्यालयों के प्रबंधक भी राष्ट्र हित में काम कर रहे हैं। कार्यक्रम में विधान परिषद् सदस्य डा. हरि सिंह ढिल्लो ने कहा कि विद्यालय के प्रंबधक हर समय भय के वातावरण में रहते हैं। सरकार से अपेक्षा करते हैं कि इस भय के वातावरण को समाप्त करने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। विधान परिषद् सदस्य डा.जयपाल सिंह व्यस्त ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने वित्त विहीन के लिए दो सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था थी। अब हम सरकार से अपेक्षा करते हैं कि आगामी बजट में इसे बढाकर दो हजार करोड़ कर दिया जाए। विधान परिषद् सदस्य उमेश द्विवेदी ने कहा कि निजी विद्यालयों की मान्यता को भी सीबीएससी की तर्ज पर कर दिया जाए। इससे निजी विद्यालयों के सामने हर साल आने वाली समस्याओं का समाधान होगा।

एसोसिएशन के प्रातीय अध्यक्ष बसंत सारस्वत ने समारोह के आरंभ में अतिथियों के सामने निजी विद्यालयों के सामने आने वाली समस्याओं को विस्तार से रखा। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों को भी सरकार अलंकार प्रोजेक्ट के अंतर्गत ले आये। एसोसिएश की मांगों के संबंध में एक त्रापन मुख्यअतिथि वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को सौंपा गया। प्रांतीय सम्मेलन में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह, प्रदेश महामंत्री और विधान परिषद् सदस्य अनूप गुप्ता, विधान परिषद् सदस्य इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह, विधान परिषद सद्सय श्रीशचन्द्र शर्मा, पूर्व विधान परिषद सद्सय केदारनाथ सिंह, पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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