केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू !

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। नवंबर, 2021 में, डॉ. जितेंद्र सिंह, माननीय राज्यमंत्री(पीपी) ने किसी भी एंड्रॉइड मोबाइल फोन के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का शुभारंभ किया था। अब विभाग डिजिटल मोड के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र को बढ़ावा देने और फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को लोकप्रिय बनाने के लिए एक विशेष राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू कर रहा है। सभी पंजीकृत पेंशनभोगी संघों, पेंशन संवितरण बैंकों, भारत सरकार के मंत्रालयों और सीजीएचएस वेलनेस केंद्रों को निर्देश दिया गया है कि वे पेंशनभोगियों के ‘सुविधापूर्ण जीवन’ सुनिश्चित करने के लिए, जीवन प्रमाणपत्र जमा करने हेतु डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र/फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन करें।
इसी कड़ी में, श्री अतुल प्रियदर्शी, परामर्शदाता,पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की केंद्र सरकार की टीम ने दिनांक 03 तथा 04 नवंबर,2023को लखनऊ में इंडियन बैंक की हजरतगंज मुख्य,मवईया, हुसैनगंज,एयर पोर्ट, आलमबाग़ और उजरियांवा शाखाओं को में जागरूकता अभियान आयोजित किया । इस अभियान में पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग तथा बैंक की टीम ने पेंशनभोगियों से उनके घर जाकर, लखनऊ एयर पोर्ट में यात्रियों तथा बैंक की शाखाओं में शिविर लगा कर पेंशनभोगियों से सम्पर्क किया और उन्हें भारत सरकार द्वारा दी जा रही इस डिजिटल सुविधा की जानकारी दी | पेंशनभोगियों को इस टीम द्वारा बताया गया कि भारत सरकार द्वारा देश के सभी पेंशनभोगियों को डीएलसी की सुविधा प्रदान कर उन्हें घर बैठे मात्र 1 मिनट में अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा प्रदान की जा रही है |
अभियान में अत्यधिक संख्या में पेंशनभोगियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इस नई तकनीक की शुरूआत पर खुशी और संतोष व्यक्त किया। शिविर में कई अतिवरिष्ठ पेंशनभोगियों ने भी भाग लिया इन पेंशनभोगियों को विभाग के अधिकारियों द्वारा उनके मोबाइल फोन में फेस ऑथेंटिकेशन जीवन प्रमाण ऐप डाउनलोड करने और उनके फोन से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया। जीवन प्रमाणपत्र 60 सेकंड के भीतर जेनरेट हो जाता है और मोबाइल फोन पर एक लिंक भेजा जाता है जहां से इसे डाउनलोड किया जा सकता है।
यह भारत सरकार के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा डिजिटल दुनिया में एक मील का पत्थर है। पहले भौतिक रूप में जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए वृद्ध पेंशनभोगियों को बैंकों के बाहर घंटों कतार में खड़ा होना पड़ता था। अब, यह उनके घर से ही आसानी से एक बटन के क्लिक पर संभव हो गया है । साथ ही एक पेंशनभोगी अपने अन्य सह पेंशनभोगियों के लिए भी उनकी सुविधानुसार डीएलसी बना सकता है |
टीम ने बताया कि मोबाइल द्वारा फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया में पहली बार आधार नंबर, ओटीपी के लिए मोबाइल नंबर, पीपीओ नंबर, बैंक/डाकघर में खाता संख्या के विवरण की आवश्यकता होती है। यह सुविधा राज्य सरकार के कर्मचारियों और राज्य के कोषागार कार्यालय के रूप में संवितरण प्राधिकरण के लिए भी उपलब्ध है। इंडियन बैंक,लखनऊ के अंचल प्रबंधक श्री प्राणेश कुमार एवं उप अंचल प्रबंधक श्री राजेश कुमार जो इस अभियान के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए लगातार मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं, के योगदान की विभाग द्वारा सराहना की गयी ।
साथ ही, लखनऊ स्थित इंडियन बैंक की विभिन्न शाखाओं द्वारा किए गए प्रयासों की पेंशनभोगियों ने भी सराहना की है यूआईडीएआई के प्रतिनिधियों द्वारा तकनीकी सहायता और पीआईबी तथा डीडी न्यूज द्वारा मीडिया कवरेज को केंद्रीय टीम ने सराहा । पेंशनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने ऐसे उदाहरण सुनाए जहां बिस्तर पर पड़े पेंशनभोगियों को फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से डीएलसी जमा करने में सहायता प्रदान की गई थी।
केंद्रीय दल ने सभी पेंशनभोगियों से विभाग के यूटयूब चैनल DOPPW_INDIA OFFICIAL को देखने का आग्रह किया जहां फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के माध्यम से अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया के बारे में हिंदी और अंग्रेजी में दो वीडीयो अपलोड किए गए हैं। विभाग द्वारा यह अभियान पूरे नवंबर माह में चलाया जा रहा है और सभी पेंशनभोगियों से अनुरोध है कि फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए इस सुविधा का लाभ उठाएं।