मानव जीवन में रसायनों के क्या है महत्व, जानिए
मैनपुरी (ब्यूरो रिपोर्ट):डा0 भीमराव आंबेडकर राजकीय महाविद्यालय औडेन्य पड़रिया में प्राचार्य डॉ. एस.पी. सिंह के मार्गदर्शन में प्रसार व्याख्यान प्रकोष्ठ एवं इन्स्टीट्यूशन एनोवेशन काउंसिल (आई. आई. सी.) के तत्वावधान में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ0 जगजीवन राम आजाद असिस्टेंट प्रोफेसर रसायन विज्ञान विभाग रहे, अपने संबोधन में विषय -“मानव जीवन में रसायनों के महत्व” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि संपूर्ण ब्रह्मांड रसायनों का विशाल भंडार है। जिधर भी दृष्टि जाए, हमें विविध आकार प्रकार की वस्तुएं नजर आती हैं। यह सभी किसी ने किसी पदार्थ से निर्मित हैं। ये ठोस,द्रव या गैसीय अवस्था में हो सकती हैं। मोटे तौर पर समूचे ब्रह्मांड में दो ही चीज विद्ममान है, पदार्थ तथा विद्युत चुंबकीय विकिरण।
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रसायन विज्ञान का संबंध हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से है, सुबह की चाय से लेकर रोटी कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी ज़रूरतें पूरा करने में रसायनों की अहम भूमिका है। दैनिक इस्तेमाल की चीज जैसे साबुन, तेल, ब्रश मंजन, कंघी , शीशा ,कागज कलम, दवात, स्याही, दवाइयां प्लास्टिक, आदि रसायन विज्ञान की ही देंन है । धर्म कर्म पूजा पाठ स्नान ध्यान धूप दीप नैवेद्य ,अगरबत्ती, रोली रक्षा तथा कपूर आदि रसायन व्याप्त है। उत्सव तथा तीज त्योहारों में दिए, मोमबत्ती एवं पटाखों के पीछे रसायन ही है। यातायात परिवहन तथा दूरसंचार के पीछे रसायन की भूमिका है, ऊर्जा के विभिन्न स्रोत जैसे कोयला ,पेट्रोल डीजल, मिट्टी का तेल, नैप्था, तथा खाना पकाने की गैस आदि रासायनिक यौगिकों के उदाहरण हैं। औजार उपकरण जैसे कुर्सी मेज, टीवी, फ्रिज, घड़ी, कुकर मिक्सर, एसी, चूल्हा ,बर्तन कुकिंग गैस, रंग, अपमार्जक, साबुन ,कीटनाशक सौंदर्य प्रसाधन सामग्रियां सब रसायन विज्ञान की ही देंन है। स्टील के बर्तन, पीतल के बर्तन चांदी के बर्तन, एल्युमिनियम के बर्तन, कांच के गिलास, प्लेट, कप, प्लास्टिक की तश्तरियों के बनाने में रसायनों का प्रयोग होता है। हमारे घरों की रसोई में तमाम रसायन प्रयोग में लाए जाते हैं जैसे कि पेट की शिकायत में सिरका का सेवन गुणकारी माना जाता है और खाने का सोडा,यानी सोडियम बाइकार्बोनेट,धावन सोडा, खाने का नमक, सेंधा नमक फिटकरी,(पोटाश एलम) बैटरियों में गंधक का अमल बुझा चूना,अल्कोहलिक के पदार्थ में एथेनॉल, रसायनों के उदाहरण हैं। कार्बोहाइड्रेट जैसे सेल्यूलोज, सुक्रोज, ग्लूकोस स्टार्च और मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं, तथा फलों के रूप में हम अमरूद में ओलियोनिक एसिड, अंगूर में एंथोसायनिन,फीनोलिक एसिड,केला में बियोएक्टिव कंपाउंड, कैरोटिनॉइड, सेव में क्लोरोजेनिक अम्ल, पपीता में ग्लाइकोसाइड, एल्केलाइड्स, वहीं नींबू में सिट्रिक ऐसिड पाया जाता है, तथा मानव जीवन में विटामिन्स का अपना विशेष महत्व है विटामिन ए में रेटिनोल, विटामिन B1,B2,B3,B5,B6,B7,B9,B12, में क्रमशः थायमीन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, पैंटोथैनिक एसिड, पाइरीडोक्जायन, बायोटिन, फोलिक एसिड,साइनोकोवालामिन नामक रसायन पाए जाते हैं। विटामिन सी में एस्कार्बिक एसिड, विटामिन डी में कैलसीफैरल तथा विटामिन ई में टोकोफैरल जो कि ब्यूटी विटामिन के नाम से जाना जाता है।इसके अलावा फोटोग्राफी में सिल्वर क्लोराइड, सोडियम थाओसल्फेट, सौंदर्य संसाधन में सिंदूर,क्रीम या कोल्ड क्रीम, बनाने में जैतून तेल मॉम पानी और बोरेक्स के मिश्रण से चेहरे के लिए क्रीम बनाई जाती है जिसमें कोई सुगंध इत्र हाथ डाल दिया जाता है उसमें सुगंध लाने के लिए अल्कोहल ,एल्डिहाइड, कीटोन फिनोल का इस्तेमाल किया जाता है। नेल पॉलिश यह जल सूखने वाला एक प्रकार का रोगान होता है जिसमें रंग लाने के लिए टाइटेनियम ऑक्साइड मिलाया जाता है इस तरह हम देखते हैं हमारे दैनिक जीवन के हर क्षेत्र में रसायन की बहुत बड़ी व्यापक भूमिका है, आने वाले दिनों में भूमिका बढ़ती ही जाने वाली है। प्राचार्य डॉ0 एसपी सिंह ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि किसी भी संजीव या निर्जीव वस्तु का केमिकल संतुलन बिगड़ने से उस वस्तु का अस्तित्व खतरे में आ जाता है अतः केमिकल का संतुलन होना अति आवश्यक है।
इस अवसर पर डाँ0 उदय प्रताप सिंह डॉ. अजय प्रताप सिंह श्री जितेंद्र पाठक श्री जयप्रकाश यादव डॉ. तनु जैन, विजेंद्र कुमार, शिव नंदन सिंह, अरूण कुमार तथा छात्र-छात्राएं एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन व्याख्यान प्रसार तथा इनोवेशन इक्विटी प्रभारी डॉ. गीता देवी ने किया।