जस्टिन ट्रूडो से नहीं संभल रहा कनाडा ( कनाडा)
टोरंटो. भारत से जारी तनाव के बीच कनाडा ( कनाडा) के हालात और खराब होते जा रहे है. वहां की कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है. यहां तक कि कनाडा में पुलिस की भर्तियां भी रोक दी गई हैं क्योंकि देश में पैसों का अभाव है. एनएन-न्यूज़18 ने अपने सूत्रों के हवाले से शुक्रवार को यह जानकारी दी.
सूत्रों की मानें, तो ट्रूडो के पीएम कार्यालय में प्रवेश के बाद से ही कनाडा में कानून और व्यवस्था की समस्या बनी हुई है. सरे, एवरस्पोर्ट जैसे इलाकों में गोलीबारी आम बात है और यहां तक कि किसी भी अविकसित देश की तरह तीन-चार दिनों में फायरिंग की घटनाएं देश में होती रहती हैं.
यूक्रेन युद्ध में लगाया जा रहा है पैसा
कनाडा में हो रहे प्रदर्शनों को रोकने में यहां की पुलिस कामयाब नहीं हो पा रही है क्योंकि उनपर जरूरत से ज्यादा वर्कलोड है. पैसों की कमी की वजह से कनाडा अपने यहां पुलिस विभाग में भर्ती तक नहीं कर पा रही है. सरे में उन्हें 1500 पुलिसकर्मियों की आवश्यकता है, लेकिन उनके पास केवल 500 से 600 ही स्टाफ हैं. सारा पैसा नियमित आधार पर रूस के खिलाफ यूक्रेन युद्ध में लगाया जा रहा है.
दिवालियापन की कगार पर कनाडा
सूत्रों के मुताबिक, पैसों की कमी की वजह से देश की बैंक दर बहुत अधिक है और लोग वापस भुगतान करने में असमर्थ हैं और इस वजह से पुनर्भुगतान एक मुद्दा है और अंततः खराब ऋण और दिवालियापन की स्थिति होती है. यूक्रेन युद्ध के कारण किराया चार गुना बढ़ गया है.
नशे के कारोबार और डकैती में उतर रहे हैं लोग
कनाडा में न्यूनतम वेतन केवल 16 डॉलर है और इसके कारण पैसा कमाना असंभव हो गया है. इतना ही नहीं, पैसे की कमी के कारण लोग नशे के कारोबार और डकैती में उतर रहे हैं. भारत की ओर से वीजा प्रतिबंध की घोषणा के बाद कनाडा के विपक्षी दल खुश हैं कि इसके बाद वह उनके लिए रास्ता बना देंगे और तुष्टीकरण बंद हो जाएगा.
जून में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. भारत ने 19 सितंबर को इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ कहकर खारिज कर दिया था और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया था.