डा० बब्बू सारंग जी द्वारा मण्डल कारागार-बांदा का किया गया निरीक्षण

Uttar Pradesh:माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा डा० बब्बू सारंग जी द्वारा मण्डल कारागार-बांदा का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जनपद न्यायाधीश महोदय द्वारा पाकशाला, जेल अस्पताल, जेल लीगल एड क्लीनिक तथा बैरकों का निरीक्षण किया गया। बैरकों के निरीक्षण में समस्त बन्दियों से निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु जानकारी ली गयी। इसके साथ ही जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदय द्वारा महिला बैरक के निरीक्षण में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा की ओर से महिला बन्दियों को दिये जा रहे सिलाई, बुनाई व अन्य हस्त निर्मित वस्तुओं के प्रशिक्षण की प्रशंसा की तथा महिला बन्दियों को प्रोत्साहित किया निरीक्षण के समय श्रीमती अन्जू काम्बोज, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा तथा श्री भगवानदास गुप्ता मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बांदा के साथ आयुक्त चित्रकूटधाम मण्डल बांदा श्री आर0पी0सिंह एवं जिलाधिकारी बांदा श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल ने मण्डलीय चिकित्सालय बांदा में आई फ्लू बीमारी के दृृष्टिगत जागरूकता कैम्प का उद्घाटन फीता काटकर किया। आयुक्त ने आई फ्लू बीमारी के बचाव हेतु आयोजित निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर में कहा कि आख शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, इसकी सुरक्षा अत्यन्त आवश्यक है। इस समय आॅखों की बीमारी से सम्बन्धित संक्रमण रोग आॅखों का फैला हुआ है, इससे बचाव हेतु सभी को जागरूक किये जाने एवं सावधानी बरतने के सम्बन्ध में बताने हेतु इस कैम्प का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति की आॅखों में दर्द व आॅख लाल होने के साथ आई फ्लू बीमारी के लक्षण मिले तो तत्काल चिकित्सीय सहायता लें। आई फ्लू खतरनाक बीमारी है, इसमें लापरवाही न करें तथा बीमारी से ग्रसित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें। चिकित्सा विभाग में आई फ्लू से सम्बन्धित आवश्यक दवायें एवं जांच सम्बन्धी व्यवस्थायें उपलब्ध हैं, इसका लाभ प्राप्त करें।
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शिविर में डाॅ एस पी गुप्ता, नेत्र चिकित्सक ने जानकारी देते हुए बताया कि आई फ्लू बीमारी के होने से आॅख में खुजली, दर्द व चकाचैंध होने लगती है और आॅख लाल हो जाती है। इसके बचाव हेतु आॅखों को शुद्ध ठण्डेे पानी से धोयें, साफ रूमाल व तौलिये का उपयोग करें, धूल, धुआं, व धूप से आॅखों को बचायें तथा धूप में निकलते समय काले चश्में का प्रयोग करें। इस बीमारी में बिना चिकित्सक की सलाह के किसी प्रकार की दवा आॅख में न डालें, क्योंकि गलत दवा पडने से आॅख की रोशनी जाने का भी खतरा हो सकता है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो एक-दूसरे के की वस्तुओं के सम्पर्क फैलती है। इसलिए बचाव अत्यन्त आवश्यक है। इस अवसर पर अतर्रा पैरामेडिकल साइन्स की छात्राओं ने अर्चना तिवारी के नेतृत्व में आई फ्लू रोग से बचाव हेतु नुक्कड नाटक के द्वारा इससे होने वाले हानि तथा बचाव के तरीकों की जानकारी दी।
अपर निदेशक स्वास्थ्य डाॅ0 विजयपथ द्विवेदी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्री अनिल श्रीवास्तव, सीएमएस डाॅ एस एन मिश्रा, डाॅ वी पी वर्मा, डाॅ0 मनोज राजपूत सहित अन्य चिकित्सकगण उपस्थित रहे।