बलिया कांड का मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह लखनऊ में गिरफ्तार
लखनऊ।उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बलिया की घटना के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने धीरेंद्र प्रताप सिंह के पक्ष में लगातार बयानबाजी कर रहे बलिया के बैरिया से भाजपा के विधायक सुरेंद्र सिंह को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में तलब किया है।
बलिया में बड़ी घटना के चौथे दिन बाद धीरेंद्र प्रताप सिंह को लखनऊ के जनेश्वर मिश्रा पार्क के पास उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गिरफतार किया है। उसके साथ दो अन्य को भी हिरासत में लिया गया है। धीरेंद्र प्रताप सिंह के साथ उत्तर प्रदेश एसटीएफ की कोई भी मुठभेड़ नहीं हुई, बड़े ही सामान्य तरीके से उसकी गिरफ्तारी की गई है। उसको गिरफ्तार करने के बाद एसटीएफ अपनी ऑफिस गोमतीनगर लेकर गई है। एसटीएफ के एएसपी राजेश सिंह की टीम ने उसको पकड़ा है। वहां पर मौजूद लोगों के अनुसार धीरेंद्र प्रताप सिंह जनेश्वर मिश्रा पार्क के पास इत्मिनान से वॉक कर रहा था। इसी बीच दो गाड़ियों से पहुंची एसटीएफ की टीम ने उसको दबोच लिया।
डीआइजी बोले-बेहद सख्त कार्रवाई तय
डीआइजी आजमगढ़ रेंज सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि हम धीरेंद्र प्रताप सिंह को रिमांड पर लेंगे। इस मामले में आठ लोग नामजद है, जिनमें से पांच को गिरफतार किया गया है। इन पांच में से तीन 50-50 हजार रुपया के इनामी हैं। धीरेंद्र प्रताप सिंह सहित दो अन्य को आज ही गिरफ्तार किया गया है। शेष तीन को भी आज शाम तक गिरफ्तार कर लिया जाएगा। डीआइजी ने बताया कि आज ही संतोष यादव व अमरजीत यादव को बलिया कोतवाली से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में बेहद कड़ी विधिक कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी जरा सी ढील का मौका नहीं मिलेगा। इनके ऊपर गैंगस्टर एक्ट के साथ ही एनएसए को लगेगा ही, इसके साथ ही प्रापर्टी भी सीज करने की कार्रवाई होगी।
बलिया के दुर्जनपुर गांव में 15 अक्टूबर को सरकारी कोटे के तहत दुकानों के आवंटन के लिए पंचायत के दौरान एसडीएम व सीओ की मौजूदगी में फायरिंग में जयप्रकाश पाल की मौत के मामले में भाजपा कार्यकर्ता धीरेंद्र प्रताप सिंह को मुख्य आरोपित बनाया गया है। वह बीते चार दिन से फरार चल रहा था। वह बीते चार दिन से फरार चल रहा था। इस कांड में बैरिया से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेंद्र सिंह के खुलकर धीरेंद्र प्रताप सिंह के पक्ष में आ जाने से मामला काफी सुर्खियों में है। अब सपा व बसपा के प्रतिनिधिमंडल के पीड़ित परिवार से मिलकर साथ देने का वादा करने के बाद से राजनीति चरम पर है।
दुर्जनपुर गांव के इस गोलीकांड पर सीएम योगी आदित्यनाथ का रूख काफी सख्त होने के बाद एसडीएम व सीओ सहित थाना के आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। शनिवार को पुलिस ने तीन और आरोपितों राज प्रताप यादव, मुन्ना यादव व राजन तिवारी को दबोच लिया। मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह अब भी पकड़ से बाहर है। नामजद आठ व 25 अज्ञात आरोपितों में से अभी तक कुल पांच को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। फरार मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह सेना का रिटायर्ड जवान है। वह भारतीय जनता पार्टी भूतपूर्व सैनिक संगठन की बैरिया तहसील इकाई का अध्यक्ष भी है।
आरोपितों पर होगी रासुका की कार्रवाई : डीआइजी
गोलीकांड के आरोपितों के विरुद्ध रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) व गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। आजमगढ़ परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि आरोपित देवेंद्र प्रताप सिंह व नरेंद्र प्रताप सिंह सहित पांच को गिरफ्तार किया गया है। घटना का मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
घायलों की पीड़ा बयां करते फफक पड़े विधायक सुरेंद्र सिंह
दुर्जनपुर गोलीकांड के मुख्य आरोपित धीरेन्द्र प्रताप सिंह के घायल स्वजनों का मेडिकल कराने शनिवार को जिला अस्पताल पहुंचे बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह फफक पड़े। वहां पहुंचे सभी घायल पुलिस की प्रताडऩा बयां करते हुए रो रहे थे। घायल आशा सिंह ने कहा कि दर्जनों लोगों ने लाठी डंडे से बिना वजह हम महिलाओं पर हमला कर दिया।
भाजपा को घेरने में जुटे सपा, कांग्रेस व बसपा
फरार मुख्य आरोपित के सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी से जुड़ाव की बात सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भाजपा को घेरने में जुटे हैं। सपा नेता और पूर्व विधायक जय प्रकाश अंचल और कांग्रेस नेता सीबी मिश्रा ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की थी। इसके बाद भाजपा जिलाध्यक्ष को सफाई देनी पड़ी कि धीरेंद्र पार्टी में किसी पद पर नहीं है।
गौरतलब है कि रेवती क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में 15 अक्टूबर को कोटे की दुकान आवंटन को लेकर पुलिस के सामने की गई फायरिंग में जयप्रकाश उर्फ गामा पाल की मौत हो गई थी। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपितों को न्यायालय में पेश किया।