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टाटा मोटर्स (टाटा मोटर्स )की पहली महिला इंजीनियर अरबपति की पत्नी

नई दिल्ली. आज के समय में भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी का परचम लहरा रही हैं. वह ऐसे क्षेत्रों में भी बढ़-चढ़कर आगे आ रही हैं जिन्हें पारंपरिक रूप से पुरुषों का पेशा माना जाता रहा है. हालांकि, हमेशा से ऐसी स्थिति नहीं रही है. देश की सबसे भरोसेमंद और बड़ी कंपनियों में से एक टाटा समूह तक में कई सालों तक एक बेहद रुढ़िवादी विचार के तहत काम हुआ लेकिन एक महिला के पत्र ने सालों से चली आ रही उस प्रथा को खत्म करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई. उस महिला का नाम है सुधा मूर्ति. सुधा मूर्ति टाटा मोटर्स  (टाटा मोटर्स ) की पहली महिला इंजीनियर थीं.

वह कंपनी में हुए एक ऐतिहासिक बदलाव की झंडाबरदार रही. दरअसल, जब वह कॉलेज में पढ़ाई कर रही थीं तब उन्होंने कैंपस में टाटा मोटर्स की ओर से लगाए गए इश्तेहार देखे. कंपनी को इंजीनियर्स की तलाश थी. हालांकि, इस ऐड में एक बात सुधा मूर्ति को खटक गई. उसमें लिखा था कि यह वैकेंसी केवल पुरुषों के लिए है. चूंकि, उस समय इंजीनियरिंग को पुरुषों का ही पेशा समझा जाता था इसलिए कंपनी ‘नो वीमेन पॉलिसी’ के तहत काम करती थी. यह बात सुधा मूर्ति को जची नहीं.

जेआरडी टाटा को लिखा पत्र
सुधा मूर्ति बताती हैं कि एक दिन वह कॉलेज से अपने हॉस्टल की ओर वापस आ रही थी जो उन्होंने देखा कि TELCO (अब टाटा मोटर्स) का एक नोटिस लगा हुआ है जिसमें अच्छे वेतन का वादा करते हुए कंपनी ने होनहार इंजीनियर्स का आवेदन मांगा है. इस नोटिस के अंत में लिखा था कि महिला छात्र आवेदन ना करें. सुधा मूर्ति कहती हैं कि वह 23 साल की थीं और इस उम्र में ऐसी बातें पढ़कर गुस्सा आना लाजमी है. अपने असंतोष को लेकर उन्होंने सर जेआरडी टाटा को पत्र लिखने की ठानी.

उन्होंने लिखा, “सर जेआरडी टाटा, जब देश आजाद नहीं था तब आपके देश ने केमिकल्स, लोकोमोटिव, आयरन और स्टील इंडस्ट्री की शुरुआत की. आप हमेशा समय से आगे रहे. आज समाज में 50 फीसदी पुरुष तो 50 फीसदी महिलाए हैं. अगर आप महिलाओं को अवसर नहीं देंगे तो आप औरतों से उनकी सेवा का अवसर छीन रहे हैं. इसका मतलब है कि देश आगे नहीं बढ़ेगा. अगर महिलाएं पढ़ेंगी नहीं और उन्हें रोजगार के अवसर नहीं मिलेंगे तो ये समाज और देश कभी आगे नहीं बढ़ेगा, यह आपकी कंपनी की एक गलती है.”

आया ऐतिहासिक फैसला
उनके पत्र का नतीजा रहा कि टाटा ग्रुप ने नो वीमन पॉलिसी को ही खत्म कर दिया. इस तरह से सुधा मूर्ति टेल्को जो आज टाटा मोटर्स है, की पहली महिला इंजीनियर बनी. सुधा मूर्ति की शादी शादी इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति से हुई जिनकी नेटवर्थ आज करीब 36,000 करोड़ रुपये है. सुधा मूर्ति इन्फोसिस के शुरुआती निवेशकों में से एक हैं. 2006 में महिला उत्थान के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.

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