हिमाचल (हिमाचल)प्रदेश में देर रात डोली धरती

शिमला: पहाड़ी राज्य हिमाचल (हिमाचल) प्रदेश में बुधवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक देर रात 11:20 मिनट पर लाहौल एवं स्पीति में कंपन महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.3 दर्ज की गई. राहत की बात यह है कि कहीं से किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है. पिछले महीने हिमाचल प्रदेश के कांगड़़ा जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, तब रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3 मापी गई थी. भूकंप का केंद्र जमीन के 5 किलोमीटर नीचे था.
हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में आता है. हिमालय की गोद में बसा यह पहाड़ी राज्य सीस्मिक जोन 4 और 5 में आता है. कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र हैं. कांगड़ा में 4 अप्रैल, 1905 की अल सुबह आए 7.8 तीव्रता वाले भूकंप में बड़े पैमाने पर तबाही मची थी. इस आपदा में 1 लाख से अधिक मकानें और बसाहटें तहस-नहस हो गई थीं और 20 हजार से ज्यादा इंसानी जानें चली गई थीं, जबकि 53000 से ज्यादा मवेशी भी भूकंप की भेंट चढ़ गए थे.
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के भीतर अंदर टेक्टॉनिक प्लेटों का आपस में टकरना है. ऐसी 7 प्लेटें होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं. ये प्लेटें जिस स्थान पर आपस में टकराती हैं, वहां फॉल्ट लाइन बनता है और इनकी सतह के कोने मुड़ जाते हैं. इसकी वजह से दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं. इन प्लेट्स के टूटने से जो ऊर्जा उत्पन्न होती है, वह धरती के अंदर से बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से भूकंप आता है. रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह फिजिकली महसूस नहीं होते. इन्हें रिक्टर स्केल पर ही मापा जा सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो दुनियाभर में रोजाना माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दर्ज किए जाते हैं.
इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है. दुनिया के अलग अलग हिस्सों में ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं. ये भूकंप भी महसूस नहीं होते. रिक्टर स्केल पर 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले भूकंप को वेरी लाइट कैटेगरी में रखा गया है, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं. इन्हें महसूस तो किया जाता है, लेकिन इनकी तीव्रता इतनी नहीं होती जिससे जान माल का कोई नुकसान पहुंचे. लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं. इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं. हालांकि इनसे भी बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होता है. रिक्टर स्केल पर 6.0 से लेकर उसके ऊपर के सभी भूकंप विनाशकारी हो सकते हैं. भंडार है.