बिहार

नीतीश कुमार ने रद्द कर दिया अफसरों का ट्रांसफर(ट्रांसफर)

पटना. बिहार में एक बार फिर से ट्रांसफर-पोस्टिंग का प्रकऱण सुर्खियों में है. कारण है राजद कोटे से मंत्री के फैसले को खुद सीएम द्वारा रद्द किया जाना. दरअसल बिहार में पिछले जून महीने में बड़े स्तर पर तबादला किया गया था. ये तबादला राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए थे, जिनमें राजस्व पदाधिकारी ,अंचलाधिकारी, चकबंदी पदाधिकारी का स्थानांतरण किया गया था. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता ने 30 जून को 480 अधिकारियों के ट्रांसफर (ट्रांसफर) का आदेश जारी किया था लेकिन अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद कोटे के मंत्री आलोक मेहता का आदेश रद्द कर दिया है.

मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर स्थानांतरण का आदेश रद्द कर दिया गया है. दरअसल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 30 जून को बड़े स्तर पर तबादला किया गया था. मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस तबादले के आदेश को लेकर बहुत सारी शिकायतें मिल रही थीं. कई जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से अपने स्तर पर इस तबादले को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी, इसके बाद मुख्यमंत्री के स्तर पर इसकी समीक्षा हुई और आखिरकार तबादला का आदेश रद्द कर दिया गया.

सबसे बड़ी बात है कि तबादले के आदेश को रद्द करने संबंधी जो अधिसूचना जारी की गई है उसे मुख्यमंत्री बिहार के प्रधान सचिव को भी भेजा गया है. आलोक मेहता मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं और ऐसे में उनके द्वारा किए गए तबादले को रद्द करना राजद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर द्वारा भी किए गए तबादले जिस तरीके से सवालों के घेरे में थे, उस पर अपर मुख्य सचिव के स्तर पर कार्रवाई की गई और तबादले रद्द किए गए और एक बार फिर से अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में इस तरह के तबादले रद्द कर दिए गए हैं. 30 जून को जो नोटिफिकेशन जारी किया गया था उसमें राजस्व अधिकारी एवं समकक्ष पद तथा अंचलाधिकारी एवं समकक्ष, अंचल अधिकारी, प्रभारी अंचल अधिकारी, सहायक बंदोबस्त अधिकारी, प्रभारी सहायक बंदोबस्त अधिकारी, चकबंदी पदाधिकारी प्रभारी चकबंदी पदाधिकारी, राजस्व अधिकारी सह कानूनगो और सहायक चकबंदी पदाधिकारी पद पर पदाधिकारियों का पदस्थापन किया गया था.

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