राष्ट्रीय

सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव(प्रस्ताव)

नई दिल्ली. विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ के घटक दल बुधवार को लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे. विपक्षी गुट मणिपुर के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव (प्रस्ताव) लाएगी, जिसके मसौदे पर 50 सांसदों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं.

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बातचीत में इसकी पुष्टि करते हुए कहा, ‘विपक्षी दल कल (बुधवार को) सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे.’

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बुधवार सुबह 10 बजे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कमरे में विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों की बैठक होगी. इसके बाद सुबह साढ़े 10 बजे सोनिया गांधी कांग्रेस सांसदों के साथ बैठक करेंगी. कांग्रेस ने इसे लेकर लोकसभा के अपने सभी सांसदों के लिए तीन लाइन का व्हिप भी जारी करके कहा है कि वे बुधवार को संसद भवन स्थित संसदीय दल के कार्यालय में मौजूद रहें.

वैसे इस अविश्वास प्रस्ताव का भविष्य पहले से तय है, क्योंकि संख्याबल स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पक्ष में है और विपक्षी समूह के निचले सदन में 150 से कम सदस्य हैं. विपक्षी दलों ने दलील दी कि यह मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में बोलने के लिए विवश करने की रणनीति भी है. सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि मणिपुर की स्थिति पर चर्चा का जवाब केवल केंद्रीय गृह मंत्री देंगे.

दरअसल विपक्षी दल संसद में मणिपुर हिंसा पर विस्तृत चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर 20 जुलाई को मानसून सत्र की शुरुआत से ही संसद के दोनों सदनों में व्यवधान जारी है. विपक्ष से जुड़े सूत्रों का यह भी कहना है कि राज्यसभा के भीतर भी मणिपुर के विषय को लेकर सरकार को घेरने का सिलसिला जारी रहेगा.

इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद में गतिरोध समाप्त करने के मकसद से मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष की मंगलवार को बुलाई थी, लेकिन उसमें कोई हल नहीं निकल सका. निचले सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह दोनों कह चुके हैं कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है. हालांकि, विपक्ष इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और इसके बाद चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है.

उधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस गतिरोध को दूर करने की कोशिशों के तहत दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं, लोकसभा के अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा के मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर मणिपुर के बेहद संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा में सहयोग की अपील की. उन्होंने कहा, ‘सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी दलों से सहयोग चाहती है. मुझे उम्मीद है कि सभी दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने में सहयोग करेंगे.’

 

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