चुंबन(चुंबन) प्यार ही नहीं विज्ञान भी!
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चुंबन: अब तक आप किसी को चूमने को लेकर सिर्फ उसका प्यार या पैशन देखते रहे होंगे लेकिन जिस तरह प्यार के पीछे साइंस काम करता है, वैसे किस या चुंबन (चुंबन) के पीछे भी विज्ञान है. हम आपको आज इसी विज्ञान के बारे में बताएंगे, जो फायदेमंद भी है और नुकसानदेह भी. हां, इंसान दिल ही नहीं वैज्ञानिक वजहों से भी किस करता है.
एक किस को करने के लिए 30 तरह की मांसपेशियों का इस्तेमाल किया जाता है. जब पार्टनर को किस करते हैं तो कई केमिकल निकलते हैं, जिससे दिमाग को शांत रखने में हेल्प मिलती है. इतना ही नहीं ये तनाव भी खत्म करके मन तरोताज़ा रखता है. आपको सुनने में अजीब लगेगा लेकिन 8 करोड़ बैक्टीरिया किस के दौरान एक-दूसरे को शेयर करते हैं.
आप जानकर आश्चर्य करेंगे लेकिन किस के दौरान लोग एक-दूसरे के मुंह के कीटाणुओं के संपर्क में आते हैं, जिससे उनकी इम्युनिटी बढ़ती है. किस करने का अनुभव वैसा ही होता है, जैसा बोतल से दूध पीते हुए बच्चे को होता है. इंसानों के होंठ बाकी जानवरों से अलग बाहर निकले होते हैं, उनमें संवेदनशील नसों की भरमार होती है.
किस करने के दौरान हमारा शरीर के हॉर्मोन्स और न्यूरोट्रांसमीटर्स किसी वॉशिंग मशीन की तरह घूमने लगते हैं. इससे मेटाबॉलिज़्म को भी बढ़ावा मिलता है और इससे मुंह, दांत और मसूढ़े सेहतमंद बने रहते हैं. इससे दांत मजबूत बनते हैं. इतना ही किस के वक्त आंखों की पुतलियां बढ़ जाती हैं.
किस करने से ब्लड प्रेशर भी कम होता है क्योंकि खुशी का एहसास होता है. शरीर में कुल 12 क्रेनियल नर्व्स होती हैं, जिनमें से 5 नसें किस करते वक्त एक्टिव हो जाती हैं और 112 पॉश्चुरल मसल्स इंवॉल्व होती हैं. वहीं धड़कनें तेज़ होने की वजह से मस्तिष्क तक ज्यादा ऑक्सीज़न सप्लाई होती है