अजित पवारAjit Pawar) की एंट्री से शिंदे गुट नाराज?

मुंबई. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंककर एकनाथ शिंदे सरकार में बतौर उपमुख्यमंत्री शामिल हुए अजित पवार (Ajit Pawar) को लेकर शिवसेना विधायकों में खासी बेचैनी देखी जा रही है. इस बीच सीएम एकनाथ शिंदे ने बुधवार को अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए और पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों की तत्काल बैठक बुलाई.
सीएम शिंदे के साथ मीटिंग के बाद शिवसेना विधायक उदय सामंत ने ने गठबंधन में किसी भी तरह के मतभेद से साफ इनकार किया है. सामंत ने दावा किया कि एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की चर्चा गलत है. उन्होंने कहा, ‘हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है, तीनों दल के नेता मिलकर सरकार चलाएंगे.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग में संगठन को मज़बूत करने पर चर्चा हुई. शिवसेना एकनाथ शिंदे के ही नेतृत्व में 2024 का चुनाव लड़ेगी.
अजित पवार को साथ लेने की जरूरत क्या?
हालांकि सूत्रों ने बताया कि शिवसेना विधायक अजित पवार गुट से गठबंधन पर आपत्ति जता रहे हैं. उनका कहना है कि जब शिवसेना-बीजेपी सरकार के पास पहले से ही 170 विधायकों का समर्थन है, तो फिर ऐसे में एनसीपी को सरकार में शामिल करने का आखिर क्या जरूरत थी.
शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने इससे पहले दिन में कहा था कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट के शामिल होने से बीजेपी और शिवसेना के मंत्री पद के दावेदारों की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं एवं उनमें से कुछ नाराज हैं तथा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस भावना से अवगत हैं. उन्होंने कहा, ‘एनसीपी के सरकार में शामिल होने के बाद भाजपा और शिवसेना से मंत्री पद के दावेदारों की गुंजाइश कम हो गई है. इससे कुछ विधायक नाराज हैं. मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी है.’
दरअसल अजित पवार खेमे से नौ मंत्रियों के शामिल होने से शिंदे-फडणवीस मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या 29 हो गई है. अब मंत्रिमंडल में केवल 14 पद खाली हैं. इस बीच अजित पवार ने बुधवार को शक्ति प्रदर्शन के दौरान ऐलान किया कि वह भी महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. उनके इस बयान ने शिवसेना में असंतोष को बढ़ाने का ही काम किया.