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ट्रांसपेरेंट ट्राइब नामक हैकर समूह कर रहा है हमला( attacking)

नई दिल्ली. पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. आए दिन तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है. इसी कड़ी में भारतीय सुरक्षा शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान स्थित हैकर्स द्वारा भारतीय फौज और एजुकेशन सेक्टर पर साइबर हमलों( attacking)की एक नई लहर का पता लगाया गया है. पुणे स्थित क्विक हील टेक्नोलॉजीज की उद्यम शाखा सेक्राइट की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रांसपेरेंट ट्राइब भारत सरकार और फौजी संस्थाओं को अपना निशाना बना रही है. )

सुरक्षा शोधकर्ताओं ने पाकिस्तान स्थित ट्रांसपेरेंट ट्राइब नामक हैकर समूह द्वारा किए गए साइबर हमलों की एक लहर का पता लगाया है. ट्रांसपेरेंट ट्राइब का एक उपखंड, जिसे साइडकॉपी के नाम से जाना जाता है, उसकी पहचान एक भारतीय रक्षा संगठन को लक्षित करने के लिए भी की गई है. हैकिंग अभियान हाल ही में तब सामने आया जब डीआरडीओ के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक को पाकिस्तानी एजेंटों को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने उन्हें हनीट्रैप में फंसाया था.

मई 2022 से IITs पर साइबर अटैक की लहर हुई शुरू
यहां ऐसे उपकरण दिए गए हैं जिनका उपयोग करके ये हैकर समूह उनकी कार्यप्रणाली सहित और बहुत कुछ जान सकते हैं. मई 2022 से, ट्रांसपेरेंट ट्राइब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) और देश के कुछ सबसे बड़े बिजनेस स्कूलों जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों को हैक करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. कथित तौर पर ये हमले 2023 की पहली तिमाही में तेज़ हो गए. यह स्पष्ट नहीं है कि इन संस्थानों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि उनमें से कुछ भारतीय रक्षा बलों के साथ मिलकर काम करते हैं.

पोस्टिंग नीति में संशोधित नाम की फाइल से हो रहा है हमला!
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान स्थित समूह (जिसे एबीडी36 कहा जाता है) भारतीय सेना को अपने सिस्टम से समझौता करने के लिए लुभाने को अधिकारियों की पोस्टिंग नीति में संशोधित नामक एक दुर्भावनापूर्ण फाइल का उपयोग कर रहा है. टीम ने नोट किया कि फाइल एक वैध दस्तावेज के तौर पर छिपी हुई है. लेकिन इसमें कमजोरियों का फायदा उठाने के लिए एम्बेडेड मैलवेयर शामिल हैं.

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