रसूखदार और दंबग कर्मचारी नेता ( leader)के आगे सिस्टम हुआ नतमस्तक
लखनऊ। (जय प्रकाश पाठक) सरकारें बदलती गई।मगर सिस्टम जस का तस है।खुलेआम भ्रष्टाचार के बङे-बङे खेल हो रहे हैं।अफसर दावें कर रहे हैं की अब भ्रष्टाचार,माफियाराज,गुंडाराज बीते समय की बाते हैं। मगर हकीकत इसके उलट है। किस्सा है रोङ बनाने वाले विभाग के एक बेहद भ्रष्ट और रसूखदार कर्मचारी नेता ( leader) भारत सिंह यादव की।भारत सिंह यादवउत्तर प्रदेश पीडब्ल्यूडी नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हैं।
2017 में सूबें मे जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो आम जन-मानस मे भरोसा जगा की अब प्रदेश मे माफियाओं,भ्रष्ट्राचारियों की खैर नही। फिर भी दुर्भाग्य कहे या सिस्टम की लापरवाही अभी कुछ भ्रष्ट और दंबग किस्म के लोग बैखोफ होकर अभी अपना निजाम चला रहे हैं।
इन्होने पीडब्ल्यूडी विभाग मे अपने करियर की शुरूवात 1986 मे डेली बेस की मजदूरी से की।4-5 साल बाद मेट पद पर नियमितीकरण हुआ।सन 2002 तक साइकिल चला कर दफ्तर आते थे।मगर उसके बाद इन पर लक्ष्मी माता की ऐसी कृपा बरसी की।इन्होने आज अरबों का साम्राज्य खङा कर डाला। आज इनके पास आधा एक दर्जन गाङियां हैं।जिनमे फार्चुनर, आई-20,बोलेरो जैसी गाङियां हैं।
वंही कई शापिंग काम्पलेक्स लखनऊ के अर्जुनगंज,साईदाता रोङ, गोसाईगंज में चमचमा रही हैं।वंही सैकङो बीघे खेती की जमीने भी हैं।अपने विशाल आर्थिक साम्राज्य के बल पर इनका और परिजनों का समाजवादी पार्टी के नेताओ के साथ उठने-बैठने के साथ करीबी रिश्ते भी बताये जाते हैं।
सीनियर अफसरों से मारपीट कर रहा है पुराना शगल
उत्तर प्रदेश पीडब्ल्यूडी नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ के मौजूदा अध्यक्ष भारत सिंह यादव ने दंबगई दिखाते हुये तत्कालीन बसपा शासनकाल 2010 मे अधिक्षण अभियंता सीताराम सोनी को दौङा-दौङा कर जबरजस्त पिटाई कर डाली थी।जिसका मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन बताया जा रहा है।वंही 2012-13 में कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष पुनीत सिंह,महामंत्री रामलखन सिंह की भी पिटाई कर डाली थी।जिसके बाद दंबगई के बल पर दबाव बनाकर समझौता भी करा लिया।
यूपी की राजधानी लखनऊ के बेहद सुरक्षित इलाके राजभवन के सामने बनी पीडब्ल्यूडी विभाग में सालों से इनकी अराजक्ता और खौफ चला आ रहा है।हालत ये है की कोई भी अफसर या कर्मचारी इनके बारे मे बात करने मे भी डरता है।ऐसे में इनके काले आर्थिक साम्राज्य और दंबगई पर कब लगाम लगती है।ये देखने वाली बात होगी।