पन्नू (Pannu)60 घंटे से है अंडरग्राउंड, सता रहा डर
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद करीब 60 घंटे से खालिस्तान आतंकवाद का मोहरा गुरपतवंत सिंह पन्नू (Pannu) अंडरग्राउंड हो गया है. खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक पिछले 4 महीनों में 5 बड़े खालिस्तानी आतंकियों की विदेश में हत्या या फिर संदेहास्पद मौत के बाद फर्जी प्रोपागेंडा की चाल में माहिर पन्नू को अपनी मौत का डर सता रहा है. इस बीच अब जब निज्जर की हत्या होने से पन्नू के होश उड़ गए हैं, जो पन्नू कभी सोशल मीडिया पर बढ़-चढ़कर भारत विरोधी एजेंडे को खालिस्तान समर्थन की आड़ में हवा देता था. वह पिछले 60 घंटे से खामोश है.
पन्नू पर एजेंसियों की पड़ चुकी है नजर
पन्नू बिल्कुल अलग-थलग पड़ चुका है. इस वक्त भारत की जांच एजेंसियों ने उसके ऊपर पिछले 6 महीनों में शिकंजा कसा है. एक ओर भारत में उसके गुर्गों पर कार्रवाई और उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ विदेश में भी खालिस्तानी समर्थकों पर नकेल कसी जा रही है. आतंकी पन्नू इसलिए भी डरा हुआ है. क्योंकि इस वक्त लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने हिंसक प्रदर्शन मामले में एनआईए टीम ब्रिटेन में है और उसके मारे गए सहयोगी खांडा की सीधी मूमिका के बारे में जांच हो रही है.
4 महीने में मारे गए 5 खालिस्तानी आतंकी
पन्नू बिल्कुल डरा हुआ है. उसके छुपने से फिलहाल उसके अन्य गुर्गे भी खामोश रहेंगे और आईएसआई के अगले निर्देश का इंतजार करेंगे. 4 महीने में मारे गए पांचों आतंकी पन्नू के सिख फॉर जस्टिस भारत विरोधी संगठन से किसी न किसी तरीके से जुड़े हुए थे. दरसल पिछले 4 महीने से एनआईए समेत पंजाब पुलिस और देश की अलग-अलग एजेंसियों ने गैंगस्टर के अलावा खालिस्तानी नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की है. इन कार्रवाई में प्रमुख है पिछले महीने खालिस्तान टाइगर फोर्स, जिसका प्रमुख आतंकी निज्जर मारा गया. भारत में उसके ठिकानों पर और उसके गुर्गों पर छापेमारी चल रही है. इसके अलावा अमृतपाल पर कार्रवाई के दौरान सिख फार जस्टिस के कई गुर्गों को पर नकेल कसी गई थी.
खांडा की हत्या में पन्नू और निज्जर का हाथ?
इसका नतीजा क्या हुआ कि 2020-2021 और 2022 के पहले हिस्से में जिस तेजी से पन्नू सिख फॉर जस्टिस की आड में भारत विरोधी खालिस्तानी प्रोपेगेंडा को विदेशों में हवा दे रहा था. वह एकाएक पिछले 1 साल में एकदम कमजोर हो गया है. पिछले हफ्ते लंदन में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा की मौत, जो कि यूके सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख था. उसमें भी पन्नू के भूमिका की आशंका जताई जा रही है. वजह यह है कि खांडा के पास भारतीय पासपोर्ट था और पन्नू को डर था कि अगर इसका डिपोर्टेशन भारत हो जाता है उनके कई राज खोल सकता है लिहाजा निज्जर की मदद से खांडा को मरवाया गया.