मुस्लिमों ( Muslims)को खुश करने के लिए चीन का बड़ा दांव
बीजिंग. चीन ने दुनिया भर के मुस्लिमों ( Muslims) को खुश करने के लिए बड़ा दांव लगाया है. फिलीस्तीनके राष्ट्रपति महमूद अब्बास को अपना पुराना दोस्त बताया है. अब्बास अपने पांचवें चीन के दौरे पर 13 जून को पहुंचे हैं. चीन ग्लोबल लीडर बनने की कोशिश कर रहा है. वह इजरायल और फिलीस्तीन के बीच चल रहे विवाद और मस्जिद अल- अक्सा को लेकर शांति कायम कराने की तैयारी में है. इस टेंशन को अमेरिका सहित दुनिया अन्य देश खत्म नहीं कर पाए हैं. मस्जिद अल-अक्सा येरुशलम में स्थित है जिसमें मुसलमानों की आस्था है.
फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास चीन के इस दौरे में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात करेंगे. वे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को लेकर चर्चा करेंगे. चीन ने दोहराया है कि वह फिलीस्तीन के लोगों के अधिकारों के लिए उनका समर्थन करता है.
दुनिया भर में चीन खुद को ग्लोबल लीडर के रूप में देखना चाहता है और वह इसके लिए अमेरिका से भी आगे निकल जाना चाहता है. उसने अमेरिका को हाशिए पर डालने के लिए और उसके प्रभाव को कम करने के लिए फिलीस्तीन को समर्थन देने की बात कही है. चीन ने आर्थिक स्तर पर भी दुनिया में अपनी पहचान बनाने की तैयारी कर रखी है. वह अरब और मिडिल ईस्ट में अपनी घुसपैठ चाह रहा है. चीन ने वहां अमेरिका के प्रभाव को कम करने के लिए सऊदी से नजदीकी बढ़ाई है. इधर, ईरान और सऊदी के बीच शांति के लिए भी चीन ने प्रयास किए हैं.
चीन उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार के लिए है बदनाम
खाड़ी देशों में अपना दबदबा बढ़ाने की कोशिश में जुटे चीन पर उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार करने के आरोप हैं. चीन अब अपनी इमेज सुधारने और मुस्लिमों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में लगा हुआ है. उसे लगता है कि अल अक्सा मस्जिद और फिलीस्तीन की शांति के मुद्दे पर आगे बढ़ने से उसे मुस्लिमों से समर्थन मिलेगा.