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भारतीय सेना में पाकिस्तानियों ( Pakistanis )को नौकरी?

कोलकाता. भारतीय सेना में पाकिस्तानी ( Pakistanis ) नागरिकों को नौकरी मिलने का चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यह मामला कलकत्ता हाई कोर्ट के समक्ष आया है. कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि दस्तावेजों की जालसाजी के जरिए दो पाकिस्तानी नागरिकों को सशस्त्र बलों में नौकरी दी गई है. इन आरोपों के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीआईडी से कराने का आदेश दिया है.

याचिका में नामित दो कथित पाकिस्तानी नागरिक जयकांत कुमार और प्रद्युम्न कुमार हैं, जो वर्तमान में पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर में रक्षा छावनी में तैनात हैं. याचिकाकर्ता बिष्णु चौधरी हैं, जो हुगली जिले का रहने वाला है. मुकदमे में सेना पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा गया है कि बिना नागरिकता की जांच किए बगैर उन्हें सेना में भर्ती किया गया.

परीक्षा के जरिए हुई पाकिस्तानियों की नियुक्ति
कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं. कोर्ट ने इस मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के शामिल होने की आशंका जताई है. आरोप है कि बैरकपुर आर्मी कैंप में दो पाकिस्तानी नागरिक काम करते हैं. कथित तौर पर, वे पाकिस्तान से आने के बाद भारतीय सेना में शामिल हुए. इनकी नियुक्ति भी सरकारी परीक्षा के जरिए हुई है. दोनों ने परीक्षा में जरूरी दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाई है.

, कोर्ट ने कहा ये गंभीर मामला
चौधरी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि दोनों का चयन कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा के माध्यम से हुआ और दस्तावेजों की जालसाजी के माध्यम से नौकरी हासिल की. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से ऐसी नियुक्तियों के पीछे प्रभावशाली राजनीतिक नेताओं, नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों से जुड़ा एक बड़ा रैकेट शामिल है. यह मामला मंगलवार को न्यायमूर्ति मंथा की अदालत में सुनवाई के लिए आया तो वह भी हैरान रह गईं. उन्होंने कहा कि अगर याचिकाकर्ता के आरोपों में सच्चाई है तो यह बहुत गंभीर मामला है.

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