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समुद्री(sea ) हवाओं की गर्मी गायब

नई दिल्‍ली. भारत और पाकिस्‍तान के तटीय इलाकों में चक्रवात बिपरजॉय को लेकर हाई अलर्ट है और इसी सप्‍ताह के अंत तक इसका असर देखने को मिलेगा. भारत में महाराष्‍ट्र, गुजरात के मछुआरों को समुद्र में जाने से रोक दिया है. समुद्र किनारों पर बचाव कर्मियों को तैनात किया गया है. जबकि दोनों देशों ने जोखिम वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्‍थानों पर भेजना शुरू कर दिया है. दरअसल अरब सागर से, चक्रवात बिपारजॉय पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत और गुजरात के समुद्र (sea ) तट को निशाना बनाने को लेकर सतर्कता बरती जा रही है.

इस बीच बिपरजॉय के गुरुवार को लैंडफॉल करने का अनुमान है और अधिकतम 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है. स्‍काईमेट के अनुसार अरब सागर में समुद्र की सतह का तापमान 31 से घटकर 29 डिग्री सेल्सियस हो गया, इसको देखते हुए कहा जा रहा है कि बिपरजॉय कमजोर हुआ है. यह अब 167-221 किमी प्रति घंटे की हवाओं के साथ बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान की तुलना में, 118-166 किमी प्रति घंटे की हवाओं के साथ एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में कुछ कमजोर हो गया है. हालांकि, जैसे-जैसे तूफान कच्छ की ओर बढ़ेगा, उम्मीद की जा रही है कि हवा की तीव्रता धीरे-धीरे कम हो जाएगी.

15 जून की शाम तक गुजरात में होगा तूफान
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि गुजरात के सौराष्‍ट्र और कच्‍छ तटों पर सतर्कता बरतनी होगी क्‍योंकि यह चक्रवाती तूफान 15 जून की शाम तक गुजरात में जखाऊ बंदरगाह को पार करने के लिए तैयार है.

चक्रवात बिपरजॉय मौसम को कैसे प्रभावित करेगा?
स्काईमेट ने कहा कि 15 जून के बाद, मौसम सिस्‍‍‍‍टम पूरे राजस्थान में दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ेगा, जिससे राज्य में 16 से 18 जून तक भारी बारिश होगी. गुजरात में पहले से ही भुज, मांडवी और नलिया जैसे कुछ तटीय इलाकों में बारिश शुरू हो गई है. मौसम की निगरानी करने वाली वेबसाइट ने कहा कि महुवा, पोरबंदर, ओखा, दीव, सोमनाथ, जामनगर और द्वारका में भी आने वाले दिनों में बारिश का मौसम देखने को मिलेगा. आम तौर पर, गुजरात और राजस्थान में जून के पहले पखवाड़े में न्यूनतम वर्षा के साथ गर्म और धूल भरी स्थितियां होती हैं.

भारत को प्रभावित करने वाले सबसे लगातार चक्रवातों में से एक
बिपरजॉय, जो पिछले सप्ताह कम दबाव के क्षेत्र के रूप में शुरू हुआ था, तेजी से एक भयानक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया. उल्लेखनीय रूप से, यह हाल के दशकों में भारत को प्रभावित करने वाले सबसे लगातार चक्रवातों में से एक बन गया है. weather.com ने बताया कि समुद्र के ऊपर लंबे समय तक रहने से बिपरजॉय को महत्वपूर्ण ऊर्जा और नमी मिली है, जिससे इसकी तीव्रता में वृद्धि हुई है. इसके परिणामस्वरूप, लैंडफॉल पर गंभीर प्रभावों और विनाशकारी परिणामों का खतरा बढ़ गया है.

लैंडफॉल क्या है?
यूएस नेशनल हरिकेन सेंटर के अनुसार, लैंडफॉल में अक्सर भारी हवाएं चलती हैं, तेज बारिश होती है, समुद्र का बढ़ता स्तर तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकता है. यह तब होता है जब चक्रवात में पानी की सतह से उठकर धरती की ओर आगे बढ़ता है. एक लैंडफॉल में अक्सर भारी हवाएं चलती हैं, तेज बारिश होती है, समुद्र का बढ़ता स्तर पड़ोसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकता है.

चक्रवात बिपरजोय कहां लैंडफॉल करेगा?
आईएमडी ने कहा कि एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पहचाने गए, बिपरजॉय के गुजरात में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच गुरुवार शाम को 125-135 किमी प्रति घंटे की अधिकतम निरंतर हवा की गति के साथ 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टकराने की उम्मीद है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहा, ’15 जून को, गुजरात के द्वारका, जामनगर, कच्छ और मोरबी जिलों में हवा की गति लगभग 125-135 किमी प्रति घंटा होगी और 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है.’

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