कोरोना को हराने वाले चैंपियंस का दिल से करें स्वागत:सीएमओ

अमेठी। जनपद निवासी 40 वर्षीय युवा राजनैतिक व्यक्तित्व रामकल्प बदला हुआ नाम ने बताया कि उनकी तबियत अचानक बिगडऩे लगी। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया गया। कोविड.19 की जांच कराई रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उन्हें होम आइसोलेशन में ही उपचार दिया गया। लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा चिन्ता स्थानीय लोगो द्वारा उनके साथ किये गये सामाजिक व्यवहार के कारण था। उन्होने बताया कि उनके होम आइसोलेट होने पर स्वास्थ्य विभाग ने उनके दरवाजे पर होम आइसोलेशन का फ्लायर लगा दिया। इस पर पड़ोसियों ने न तो कोई संवेदना जताई बल्कि उनके साथ भेदभाव किया। उन्होंने बताया कि पड़ोसियों ने उनके यहां जरूरी समान देने वाले विक्रेताओं से कहा कि वह हमारे घर समान न दें नही तो हमारे पूरे परिवार को कोरेाना हो जायेगा। बाद में दुबारा जांच करायी गयी तो रिपोर्ट निगेटिव आयी।उन्होंने बताया कि अब वह और उनका परिवार पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है और उनकी रिपोर्ट भी निगेटिव आ चुकी है लेकिन आज भी लोगो को अन्दर अन्दर ही भेदभाव जारी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 आशुतोष कुमार दूवे ने बताया कि कोविड.19 को मात देने वालों के साथ सामाजिक भेदभाव करना वैज्ञानिक और मानवीय दोनों दृष्टिकोण से उचित नहीं है । चैंपियंस ने ऐसे वायरस को हराया है जो कि किसी को भी और कभी भी हो सकता हैए इसमें उनका कोई ऐसा दोष नहीं है जिसके लिए उनके साथ सामाजिक भेदभाव किया जाए। वह भी हमारे समाज और परिवार के अभिन्न अंग हैं और इन विषम परिस्थितियों में जब वह कोरोना के कारण तनाव और चिंता में हैं तो उनको मानसिक संबल प्रदान करना सभी का नैतिक दायित्व बनता है। सीएमओ ने बताया कि कोरोना को हराने के बाद स्वस्थ होकर अस्पताल से घर आने चैंपियंस का अगर करीबी दिल से स्वागत करें और उनका हालचाल जानें तो वह बहुत जल्दी ही चिंता और तनाव से उबर सकते हैं । इस दौरान ऐसे कई उदाहरण देखने को भी मिल रहे हैं जहाँ पर चौंपियंस के अस्पताल से लौटने पर सोसायटी या आस.पड़ोस के लोगों ने फूल बरसाकर उनका एक योद्धा के रूप में स्वागत भी किया है। इससे समाज में उनका मनोबल बढ़ेगा और वे दोबारा से अपने दैनिक जीवन में वापस आ सकेंगे। उन्होने कहा कि जनपद के सभी लोग अगर किसी कारण वश अस्पताल जाये तो अपनी कोविड की जांच अवश्य करायें जिससे इस महामारी को जड़ से हटाया जा सके।