उत्तर प्रदेश

आयुष्मान कार्ड प्रतिदिन अवश्य बनवाए जाएं, पंचायत सचिवालय पर कैंप लगाकर पात्रों के कार्ड बनाए जाएं !

मैनपुरी 30 मई, 2023- प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना में गोल्डन कार्ड की प्रगति में सुधार न होने पर प्र. चिकित्साधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रति आई.डी. न्यूनतम 50 आयुष्मान कार्ड प्रतिदिन अवश्य बनवाए जाएं, पंचायत सचिवालय पर कैंप लगाकर पात्रों के कार्ड बनाए जाएं। इस कार्ड में ग्राम प्रधानों का भी सहयोग लिया जाए, जननी सुरक्षा योजना में प्रसूता, आशा को समय से योजना का लाभ मुहैया कराया जाए, गभर्वती महिलाओं, उनके परिजनों को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाए, प्रसव के उपरांत डिस्चाजर् होने पर प्रसूता को 102 एंबुलेंस से ही उसके घर पहुंचाया जाए, निधार्रित मीनू के अनुसार समय से नाश्ता, दोपहर-शाम का खाना गुणवत्तापूर्ण उपलब्ध कराया जाए, खाने की गुणवत्ता की जांच स्वयं प्र. चिकित्साधिकारी खाकर चेक करें, स्वास्थ्य केंद्र, किचिन की साफ-सफाई के बेहतर प्रबंध हों, आशा नवजात बच्चों के घर पर शत-प्रतिशत भ्रमण कर शिशु के स्वास्थ्य की जानकारी करें, परिवार कल्याण कायर्क्रम के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कैंप आयोजित कर महिला-पुरुष नसबंदी के लक्ष्यों की पूर्ति की जाए, जनपद में संचालित अल्ट्रासाउण्ड सेंटर की नियमित जांच हो।

उक्त निर्देश जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने जिला स्वास्थ्य समिति (शासी निकाय) की बैठक में दिए। उन्होंने बैठक से अनुपस्थित प्र. चिकित्साधिकारी अवर्न डा. पंकज का स्पष्टीकरण प्राप्त करने के साथ ही वेतन रोके जाने, कायर्प्रणाली में सुधार न होने पर विभागीय कायर्वाही की संस्तुुति किए जाने, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना में पात्र, अन्त्योदय राशन कार्ड धारकों, श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों के गोल्डन कार्ड बनवाने में लापरवाही बरतने पर प्र. चिकित्साधिकारी जागीर, किशनी, कुरावली, बेवर, चिकित्साधिकारी जागीर डॉ. मयंक को चेतावनी जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि अभियान चलाकर सभी पात्रों के गोल्डन कार्ड तत्काल बनाए जाएं और उन्हें योजना में लाभान्वित कराया जाए। उन्होने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग की संचालित योजनाओं की प्रगति निराशाजनक है, संबंधित प्रभारी चिकित्साधिकारी इस ओर ध्यान दें, जननी सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, नवजात बच्चों के बी.सी.जी. टीके, नियमित टीकाकरण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कायर्क्रम आदि की प्रगति सुधारें। उन्होने संस्थागत प्रसव की समीक्षा के दौरान पाया कि वाषिर्क लक्ष्य 25451 के सापेक्ष वित्तीय वर्ष के प्रथम माह अप्रेल 2023 में 978 संस्थागत प्रसव हुये हैं लेकिन किसी भी प्रसूता को जननी सुरक्षा योजना का लाभ उपलब्ध नहीं कराया गया है, जानकारी करने पर पाया कि बजट उपलब्ध न होने के फलस्वरूप योजना का लाभ उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। शासन स्तर से अब बजट प्राप्त हो चुका है, अगले 02 दिन में प्रसूता, आशा को लाभान्वित कर दिया जायेगा।

मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने प्र. चिकित्साधिकारियों से कहा कि अपने-अपने स्वास्थ्य केंद्र पर नेतृत्व देकर स्वास्थ्य विभाग की संचालित योजनाओं की प्रगति सुधारें, स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीजों के साथ बेहतर व्यवहार कर उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें, आशा, ए.एन.एम., आंगनवाड़ी कायर्कत्रियों का सहयोग लेकर अधिक से अधिक संस्थागत प्रसव कराए जाए, निधार्रित दिवसों पर बी.एच.एन.डी. सत्र प्रत्येक दशा में आयोजित हों, खंड विकास अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में कम से कम 02 बीएचएनडी सत्र स्थल का अवलोकन कर रिपोटर् उपलब्ध करायें। उन्होने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में गोल्डन कार्ड बनाए जाने की प्रगति सुधारने, गोल्डन काडर् धारकों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पाने के लिए गोल्डन कार्ड का प्रयोग करने के लिए पे्ररित किया जाये। उन्होंने कहा कि पोषण पुनवार्स केंद्र में किसी भी दिन कोई बेड खाली न रहे, अति कुपोषित, कुपोषित बच्चों को पोषण पुनवार्स केंद्र में भर्ती कराकर उन्हें सुपोषण की श्रेणी में लाया जाए, बाल विकास परियोजना अधिकारी, प्र. चिकित्साधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के अति कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को पोषण पुनवार्स केंद्र में भर्ती कराने हेतु प्रेरित करें।

बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.पी.पी. सिंह, मुख्य चिकित्साधीक्षक महिला डा. ए.के. पचैरी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजीव राय, डा. संजीव राव बहादुर, डा. राकेश कुमार, डा. अनिल वमार् सहित समस्त प्र. चिकित्साधिकारी, मलेरिया अधिकारी एस.एन. सिंह, डी.एम.सी. यूनिसेफ संजीव पांडेय, एस.एम.ओ. डा. वी.पी. सिंह, जिला पूतिर् अधिकारी क्यामुुद्दीन अंसारी, जिला कायर्क्रम अधिकारी ज्योति शाक्य, स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी रविंद्र गौर, डी.पी.एम. संजीव आदि उपस्थित रहे।

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