नौ घंटे की जॉब, कैब(cab) में पढ़ाई
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आईएएस काजल: काजल जावला 2018 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने यह कामयाबी पांचवें प्रयास प्रयास में हासिल की थी. उनकी ऑल इंडिया 28वीं रैंक थी. काजल जावला की कहानी उन सभी के लिए प्रेरक है जो यूपीएससी 2022 में असफल हुए हैं. जावला की कहानी उन्हें दोबारा मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगी.
काजल जावला की कहानी हमें धैर्य और दृढ़ संकल्प और विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में डटे रहने की सीख देती है. खैर, जावला को यूपीएससी में सफलता के लिए चार बार असफलताओं का सामना करना पड़ा था. आखिरकार उन्होंने मंजिल पाकर ही दम लिया.
काजल जावला उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली हैं. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन में बीटेक 2010 में किया था. उन्होंने पढ़ाई पूरी करके विप्रो में नौकरी शुरू कर दी थी. यहां उनकी सैलरी सालाना 23 लाख रुपये महीने थी. उन्होंने नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी जारी रखी. वह नौ घंटे की जॉब के बाद कैब (cab) में भी पढ़ाई कर लिया करती थीं.
इस बीच काजल जावला की शादी आशीष मलिक के साथ तय हो गई. जो दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास में काम करते थे. हालांकि उनके पति आशीष काफी सहयोगी थे. वह काजल के सपने और उस तक पहुंचने की मंजिल में रुकावट नहीं बने.
शादी के बाद भी काजल जावला का पूरा ध्यान पढ़ाई पर ही रहा. घर के काम की जिम्मेदारी उनके पति ने उठाई. वह घर की सफाई से लेकर बर्तन धोने तक का काम खुद ही करते थे. काजल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि समय की कमी मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी.
काजल बताती हैं कि शुरुआत में उनकी असफलता का कारण समय की कमी थी. लेकिन काजल ने कभी कोचिंग का सहारा नहीं लिया. समय की कमी के बावजूद उन्होंने सेल्फ स्टडी ही की और 28वीं रैंक लाने में कामयाब रहीं. यूपीएससी में सफलता को लेकर स्ट्रेटजी के सवाल पर वह कहती हैं कि यूपीएससी का सिलेबस काफी बड़ा है. अखबार पढ़ना भी तैयारी का हिस्सा है. हर फेज में अलग-अलग रणनीति की जरूरत होती है.
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