बांद्रा-वर्सोवा सी-लिंक का नाम बदला(renamed)

मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने 28 मई को ‘वीडी सावरकर’ के जयंती पर ऐलान करते हुए कहा कि, ‘नवनिर्मित बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक वीर सावरकर के नाम से जाना जाएगा. रविवार को स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की 140वीं जयंती मनाई गई. मुख्यमंत्री ने बताया कि लंबे समय से बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक का नाम बदलने (renamed) के लिए राज्य सरकार कोशिश कर रही थी. पहले कहा जा रहा था सरकार बांद्रा–वर्सोवा सी-लिंक का नाम बदलने वाली है, फिर सरकार ने इसे वीर सावरकर की जयंती पर इसका नया नाम दे दिया.
महाराष्ट्र की राजनीति में सावरकर महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, राष्ट्रीय राजनीति में भी इनका कद काफी बड़ा है. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी की सावरकर के खिलाफ बयान पर कांग्रेस की देश भर में किरकिरी हुई थी. वहीं, एकनाथ शिंदे ने विरोध में अप्रैल में ठाणे से ‘सावरकर गौरव यात्रा’ निकाली थी. वहीं, शिंदे गट की शिवसेना ने ऐलान किया था की राज्य के सभी 288 विधानसभा सीटों पर इस यात्रा को आगाज करेंगे. यानि पूरे राज्य में किया जाएगा.
कांग्रेस के सहयोगी पवार भी मुद्दे पर सधी थी चुप्पी
राहुल गांधी के सारवरकर के खिलाफ बयान पर कांग्रेस के सबसे करीबी सहयोगी एनसीपी के कद्दावर नेता शरद पवार ने चुप्पी साध ली थी. इससे मालूम चलता है कि महाराष्ट्र की राजनीती में स्वतंत्रता सेनानी वीर सरकार का महाराष्ट्र की राजनीति में कितना बड़ा ‘महत्व’ है. बीजेपी के कांग्रेस पर बार बार प्रहार पर शरद पवार ने राहुल गांधी को चुप रहने की सलाह दी थी थी. उन्होंने कहा कि आजादी में वीर सावरकर की योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता है, देश के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे कि महंगाई, बेरोजगारी और राजनीतिक संकट पर ध्यान केंद्रित करना होगा.
सावरकर की जयंती पर नए संसद भवन का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेना वीर सावरकर की 140वीं जयंती पर भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन किया था. वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस भवन को “नए भारत का प्रतीक” बताया था और सभी विपक्षी दलों को मतभेद दूर कर इसके उद्घाटन में शामिल होने का आग्रह किया था.