दिल्ली

मोदी (मोदी)जब नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे.

नई दिल्ली. भारत के इतिहास में 28 मई को ‘स्वर्णिम अक्षरों’ में लिखा जाएगा, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (मोदी) जब नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. लेकिन देशवासियों में खुशी के साथ-साथ मन में एक सवाल पैदा हो रहा है कि अब इस पुराने संसद भवन के बिल्डिंग का क्या होगा? मूल रूप से पुरानी संसद भवन को काउंसिल हाउस कहा जाता है और इसे भारत के लोकतंत्र की आत्मा माना जाता रहा है. ये भवन जहां नए राष्ट्र का निर्माण हुआ, इसके संविधान का निर्माण हुआ, जिसने भारत के कालजयी इतिहास को देखा, अब इस 96 साल पुराने बिल्डिंग का भविष्य क्या होगा? आईये आपको बताते है इसके भविष्य में प्रयोग के बारे में सबकुछ.

साल 2021 मार्च में, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राजयसभा के अपने संबोधन में बताया था कि नए संसद भवन के निर्माण के बाद इस भवन की मरम्मत की जाएगी. इसे फिर से तैयार किया जाएगा. इंडिया टुडे ने अपने रिपोर्ट में बताया कि सरकार इसके पुरातात्विक महत्त्व को देखते हुए इसे संरक्षित रखने का विचार कर रही है. इस भवन को ढहाया नहीं जाएगा बल्कि इसे संरक्षित किया जाएगा. और इसका इस्तेमाल संसद से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन के लिए इस इमारत का इस्तेमाल किया जाएगा.

सरकार के मुताबिक, पुरानी संसद को गिराया नहीं जाएगा, बल्कि उसे संरक्षित किया जाएगा. 2022 के रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि ने संसद भवन के निर्माण के बाद अभी इस्तेमाल हो रहे संसद भवन को संग्रहालय के रूप में तब्दील किया जाएगा. वहीं, विज़िटर्स को लोकसभा के चैंबर में बैठने की अनुमति दी जाएगी.

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि नए संसद भवन के लिए आवंटित बजट लगभग 862 करोड़ रुपये था, और परियोजना के लिए डिजाइन सलाहकार बिमल पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात स्थित आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइन है. वहीं, नई संसद भवन की जरूरत पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस भवन का निर्माण काउंसिल हाउस के तौर पर निर्माण किया गया था, इसे कभी भी पूर्ण संसद के रूप नहीं डिज़ाइन किया गया था.

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