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पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड को भायी मुजफ्फरनगर के गुड़ की कैंडी

लखनऊ। सूबे के 46 लाख गन्ना किसानों के जीवन में मिठास घोलना योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। स्वाभाविक है कि ऐसे किसी भी प्रयास का सर्वाधिक लाभ अपने गुड़ की विविधता के लिए मशहूर मुजफ्फरनगर को मिलेगा।

मुजफ्फरनगर एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी है। यहां के किसान और कारोबारी गुड़ को प्रसंस्कृत कर 118 तरह के उत्पाद बनाते हैं। अब तो वहां के कारोबारी विनोद गुप्ता ने गुड़ से कैंडी बनाने की भी पहल की है। इसके लिए उन्होंने 4़5 करोड़ रुपये की लागत से पूरी तरह आटोमैटिक मशीन लगाई है।

बकौल विनोद गुप्ता, उनकी फैक्ट्री की प्रतिदिन की उत्पादन क्षमता 12 टन गुड़ का प्रसंस्करण है। कोरोना के कारण फिलहाल वह रोज 1.5 टन गुड़ का प्रसंस्करण कर रहे हैं। उनकी कैंडी की मांग उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड के जिलों में है। एडवांस ऑर्डर के आधार पर वह आपूर्ति करते हैं। उनकी फैक्ट्री में अदरक, इलायची, अजवाइन, सौंफ, सोठ समेत करीब दो दर्जन स्वादों की कैंडी बनती है। कैंडी को जमाने के लिए वह इसमें करीब 50 फीसद गुड़ का भी प्रयोग करते हैं। उनका इरादा भविष्य में शुद्घ और जैविक गुड़ के प्रसंस्करण के जरिए गुड़ की चॉकलेट, टॉफी और अन्य उत्पाद बनाने की भी है।

मालूम हो कि किसानों को वाजिब दाम मिले तो गन्ने की खेती का कोई जोड़ नहीं। अगर प्रसंस्करण के जरिए गुड़ को बहुपयोगी बना दें तो गन्ने की खेती उतनी ही लाभप्रद होगी। सरकार इस बाबत शिद्दत से प्रयास भी कर रही है। रिकॉर्ड पेराई, रिकॉर्ड भुगतान के आंकड़ों के अलावा भी सरकार ने गन्ना किसानों की बेहतरी के लिए बहुत कुछ किया है। गोरखपुर के पिपराइच, बस्ती के मुंडेरा और बागपत के रमाला में नई चीनी मिलें लगीं। करीब दर्जन भर मिलों की क्षमता बढ़ाई गई। गन्ना किसानों के खांडसारी इकाईयों को लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया आसान कर दी गयी।

अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई, खादी ग्रामोद्योग नवनीत सहगल ने कहा कि गन्ने के रकबे, उत्पादन और चीनी मिलों की संख्या के मामले में उप्र देश में नंबर एक है। गन्ना किसानों का हित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रसंस्करण के जरिए गन्ना किसानों को अधिकतम लाभ हो इसके लिए उन्होंने गुड़ को मुजफ्फरनगर और अयोध्या का एक जिला, एक उत्पाद ओडीओपी घोषित किया। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रसंस्करण के जरिए गन्ने के वैल्यू एडिशन के लिए इकाइयां लगाने वालों और उनको देश विदेश में बाजार दिलाने में हर संभव मदद की जाएगी।

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