उत्तर प्रदेश

पत्रकार (Journalist )से बने आईएएस अफसर

सफल स्टोरी : एक लड़का, जिसके इंटरमीडिएट में 49 फीसदी मार्क्स आए तो घर वाले हैरान रह गए. आगे इस लड़के ने पूर्वांचल के दो प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों इलाहाबाद विश्वविदयालय और काशी हिंदू विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. इसके बाद कुछ समय पत्रकार        (Journalist )  भी रहा. लेकिन लक्ष्य तो आईएएसए बनने का था. लास्ट अटेम्प्ट फाइनली आईएएस बना. आज हम बात कर रहे हैं 2005 बैच के सिक्किम कैडर के आईएएस अधिकारी आंजनेय सिंह के बारे में. जो लंबे समय से उत्तर प्रदेश में डेप्यूटेशन पर काम कर रहे हैं. जिन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान का रामपुर में किला ध्वस्त कर दिया.

मूल रूप से मऊ जिले के सलाहाबाद गांव के रहने वाले आईएएस आंजनेय सिंह के पिता डॉ. महेंद्र सिंह डीसीएसके पीजी कॉलेज में जियोग्राफी प्रोफेसर रह चुके हैं. वह इस पीजी कॉलेज में चीफ प्रॉक्टर और जियोग्राफी डिपार्टमेंट के हेड पद से रिटायर हो चुके हैं.

साल 2015 में प्रतिनियुक्ति पर यूपी आए आंजनेय सिंह

सिक्किम कैडर के आईएएस आंजनेय सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सपा शासनकाल में 16 फरवरी 2015 में यूपी में आए. तब से वह यूपी में ही बने हुए हैं. शुरू से ही उनका रुख कानून व्यवस्था को लेकर काफी सख्त था. लेकिन उन्होंने पहली बार अच्छी खासी सुर्खी बटोरी साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान. जब उन्होंने सपा नेता और पूर्व मंत्री आजम खान और उनके करीबियों के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन मामले में सख्त कार्रवाई की. हालांकि उन्होंने रामपुर का डीएम रहने के दौरान भी आजमखान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी. उन्होंने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला पर 66 केस दर्ज कराए. जिसके चलते आजमखान को जेल जाना पड़ा था. यहां तक कि आजम खान को भूमाफिया तक घोषित कर दिया गया.

आंजनेय सिंह के गांव वाले उन्हें सादगी की मिशाल बताते हैं. उनका कहना है कि आंजनेय सिंह को बिल्कुल ही सादा जीवन जीना पसंद है. जब कभी गांव जाते हैं तो लोगों के बीच अपनों की तरह घुलमिल जाते हैं.

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