कर्नाटक की सत्ता में नहीं आएगी कांग्रेस:शाह(Shah)

बेंगलुरु. ’10 मई का कर्नाटक चुनाव किसी को विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री बनाने का नहीं है, बल्कि कर्नाटक का भविष्य तय करने वाला है.’ बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Shah) ने कही. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस जानती है कि वह कर्नाटक की सत्ता में नहीं आने वाली है और इसीलिए उसने घोषणापत्र में बड़े-बड़े वादे किए हैं.
यह पूछे जाने पर कि वह कर्नाटक के लोगों को क्या संदेश देना चाहते हैं? अमित शाह ने कहा, ‘येदियुरप्पा और बोम्मई के नेतृत्व में, डबल इंजन सरकार ने कर्नाटक में दर्जनों विकास कार्य किए हैं… यदि आप एक सुरक्षित, समृद्ध, शिक्षित और विकासशील कर्नाटक चाहते हैं, तो डबल इंजन सरकार को सत्ता में लाएं. मोदी जी के नेतृत्व में कर्नाटक का विकास होगा. पीएफआई पर प्रतिबंध लगाकर हमने कर्नाटक को सुरक्षित बनाया. हमने देशद्रोहियों को जेल में डाला. त्रिशंकु विधानसभा के बजाय पूर्ण बहुमत वाली बीजेपी सरकार को सत्ता में लाएं.’
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘सिंचाई के क्षेत्र में चौदह परियोजनाएं लागू की गई हैं. जब कांग्रेस केंद्र और राज्य दोनों में सत्ता में थी, तब कर्नाटक को 92,000 करोड़ रुपये का अनुदान मिला था. जब बीजेपी केंद्र और राज्य की सत्ता में आई तो कर्नाटक को 2.40 लाख करोड़ रुपये का अनुदान मिला.’
‘बीजेपी के घोषणापत्र में मुफ्त रेवड़ियां नहीं’
बीजेपी और कांग्रेस के घोषणापत्रों के बीच समानता का खंडन करते हुए अमित शाह ने कहा कि भगवा पार्टी के वादे मुफ्त की रेवड़ी नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारा घोषणापत्र मुफ्त रेवड़ियों वाला नहीं है. आधा लीटर दूध देना कुपोषण दूर करने का एक हिस्सा है. नरेंद्र मोदी सरकार पहले से ही 5 किलो चावल या मक्का दे रही है. हम यह कई सालों से दे रहे हैं. इसमें बच्चों में कुपोषण को ध्यान में रखते हुए दूध डाला गया है. इसमें फ्री गिफ्ट का सवाल ही नहीं है.’
राज्य में हर गृहिणी को 2,000 रुपये देने के कांग्रेस के वादे के बारे में पूछे जाने पर, जिस पर हर साल लगभग 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे, अमित शाह ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी ने यह वादा इसीलिए किया है क्योंकि ‘वे खुद जानते हैं कि कांग्रेस सत्ता में नहीं आएगी.’
वरिष्ठ बीजेपी सांसद ने कहा, ‘कांग्रेस ने गुजरात में इसी तरह की गारंटी दी थी. वे हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता में रहे हैं. कर्नाटक में वे जिन पांच गारंटियों का वादा कर रहे हैं, उनमें से कौन सी वहां लागू की गई हैं? ऐसा नहीं है कि कर्नाटक के लोग यह सब नहीं जानते हैं.’