आईआईटी केएक छात्र (student )ने आत्महत्या कर ली
चेन्नई. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) में एक 20 वर्षीय छात्र (student ) ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि किसी के पास उसके लिए समय नहीं था, सभी व्यस्त रहते थे. जांच अधिकारी ने बताया कि यह बात अक्सर मृतक छात्र अपने दोस्तों से कहा करता था. मृतक महाराष्ट्र से पढ़ने आया था और केमिकल इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष का छात्र था. NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि अपने कमरे से बरामद एक सुसाइड नोट में छात्र ने अपने दोस्तों को उसके साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए धन्यवाद दिया है.
अधिकारी ने आगे बताया कि “अकादमिक रूप से प्रतिभाशाली” छात्र अपने तनाव को दूर करने के लिए लोगों से घुल मिल नहीं पाया था. बता दें कि अगर पुलिस जांच के बाद आत्महत्या की पुष्टि करती है तो आईआईटी-मद्रास में इस साल यह चौथा मामला होगा. छात्र की मौत पर शोक जताते हुए आईआईटी मद्रास ने शनिवार को कहा था कि उसकी मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है. इसके साथ ही संस्थान ने छात्रों को तनाव से उबरने में मदद करने के लिए संस्थान ने अपने “सक्रिय उपायों” को दोहराया.
छात्रों के बीच सकारात्मक मानसिकता विकसित करने के लिए एक “कुशल संकाय कार्यक्रम” के अलावा छात्रों को तनाव मुक्त रहने में मदद करने के लिए संस्थान की एक “खुश रहो” वेबसाइट है. हाल ही में परिसर के बाहर अपने अपार्टमेंट में एक पीएचडी छात्र की आत्महत्या से मृत्यु हो गई थी.
कई लोग IIT में सीट पाने के लिए कठिन प्रवेश परीक्षा को क्रैक करने के लिए अत्यधिक तनावपूर्ण तैयारी को दोष देते हैं. जबकि कोचिंग सेंटर कठोर अभ्यास के माध्यम से उन्हें प्रवेश सुरक्षित करने में मदद करते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि वे वास्तव में अगले पांच वर्षों में बीटेक की अत्यधिक मांग वाली कठोरता का सामना करने के लिए तैयार नहीं हैं. एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में, आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर कामकोटि ने पहले कहा था कि संस्थान इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है. उन्होंने इसे “पिछले कुछ वर्षों में कोरोना महामारी के बीच सामाजिकता की कमी” पर दोषी ठहराया. उन्होंने बताया कि हमारे पास “एम टेक छात्रों का एक पूरा बैच था, जो बिना कक्षाओं में भाग लिए महामारी के बीच पास हो गए”.