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सूडान(Sudan) हिंसा की आग में क्यों जल रहा ?

खार्तूम: सूडान (Sudan) में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच लगातार तीसरे दिन जारी संघर्ष में अब लगभग 200 लोगों की मौत हो गई और 1800 से अधिक लोग घायल हुए हैंइस संघर्ष ने सूडान की राजधानी खार्तूम और अन्य शहरों की स्थिति को बेहद खराब कर दिया है. यहां अब घरों में लोग बिना बिजली के रहने को मजबूर हैं. सोमवार को अस्पताल क्षतिग्रस्त हो गए और भोजन की आपूर्ति भी बाधित हो गई. न्यूज एजेंसी AP के अनुसार, राजधानी खार्तूम और इसके निकटवर्ती शहर ओमडर्मन में हवाई हमले और गोलाबारी तेज हो गई है. सैन्य मुख्यालय के पास लगातार गोलाबारी होने की आवाज सुनाई दे रही थी.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि वोल्कर पर्थेस ने कहा कि शनिवार को शुरू हुए संघर्ष में अब तक 1,800 से अधिक लोग घायल हुए हैं. संघर्ष में हताहतों की संख्या पर नजर रख रहे लोकतंत्र समर्थक समूह ‘सूडान डॉक्टर्स सिंडिकेट’ ने एक दिन पहले बताया था कि अब तक 97 लोग मारे गए हैं.

इस बीच, हिंसा समाप्त करने के लिए सूडान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री, संयुक्त राष्ट्र महासचिव, यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख, अरब लीग के प्रमुख और अफ्रीकी संघ आयोग के प्रमुख सहित शीर्ष राजनयिकों ने दोनों पक्षों से लड़ाई बंद करने का आहृवान किया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतरेस ने कहा कि वह अरब लीग, अफ्रीकी संघ और क्षेत्र के नेताओं से संघर्ष खत्म करने के लिए आग्रह कर रहे हैं. देश में सेना और अर्धसैनिक बल आपस में भिड़े हैं. अक्टूबर 2021 में सूडान में सैन्य तख्तापलट हुआ था, जिसके बाद से अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) की कमान संभालने वाले अब्देल फतह अल-बुरहान और उनके डिप्टी मोहम्मद हमदान डागलो द्वारा देश चलाया जा रहा है. परिषद चाहता है कि आरएसएफ अब सेना का हिस्सा बने, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं है और 10 वर्षों तक के लिए टाल दी है, लेकिन मिलिट्री इसे 2 साल के भीतर करवाना चाहती है, इसी पर दोनों के बीच टकराव है और पिछले हफ्ते ही यह मामला और गरमा गया.

 

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