कंपनी की ठगी की जांच अब सीओ सिटी करेंगे
बांदा। आरडी व एफडी के नाम पर रकम दोगुनी करने का झांसा देकर लाखों रुपये ऐंठकर लापता हो गई एक क्रेडिट को-आपरेटिव फाइनेंस कंपनी के प्रकरण पर फिलहाल रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। इसकी जांच नगर क्षेत्राधिकारी को सौंपी गई है। रविवार को पुलिस ने इस कंपनी के शहर में स्थित ताला बंद कार्यालय का बाहरी जायजा लिया। कंपनी संचालकों से बारे में पता किया जा रहा है। शहर के लगभग एक दर्जन महिला-पुरुष एजेंटों ने शनिवार को शहर कोतवाली में दी तहरीर में कहा था कि अमर टाकीज के पास खोले गए कार्यालय में स्थित कंपनी में वह 2013 से एजेंट के रूप में रखे गए थे। ये कंपनी लोगों को पांच साल में उनकी रकम दोगुनी करने के नाम पर किस्तों में एजेंटों के माध्यम से पैसा जमा कराती थी। लगभग 50 लाख से ज्यादा रुपये इन एजेंटों ने जमा कराए। अब कुछ महीनों से कंपनी के कार्यालय में ताला पड़ा है और उसके कर्ताधर्ता गायब हैं। क्षेत्राधिकारी आलोक मिश्रा ने बताया कि उनके संज्ञान में यह प्रकरण लाया गया है। वह खुद जांच कर रहे हैं। उधर, कोतवाली प्रभारी दिनेश सिंह ने बताया कि ने दो उप निरीक्षकों को जांच में लगाया गया है। फिलहाल कंपनी संचालकों का पता नहीं चला है। उनका सुराग लगाया जा रहा है।