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प्रकृति कभी भी पहुंचा सकती है भीषण नुकसान,( damage) जानें क्या है वजह

भुवनेश्वर. ओडिशा का लगभग आधा हिस्सा जलवायु परिवर्तन की चपेट में है. राज्य के 30 जिलों में से 14 जिले उच्च जोखिम वाले बताए गए हैं. इसके अलावा 13 मध्यम और 3 कम जोखिम वाले क्षेत्रों में शामिल हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषदने 2019 में ‘नेशनल इनोवेशन इन क्लाइमेट रेजिलिएंट एग्रीकल्चर’ प्रोजेक्ट के तहत ‘जलवायु परिवर्तन के लिए भारतीय कृषि के जोखिम ( damage) और नाजुकता के मूल्यांकन’ पर एक अध्ययन किया है, जिसमें ओडिशा समेत भारत के अन्य राज्यों के बारे में जानकारी दी गई है.

अधिकारियों ने कहा कि स्टडी रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के जोखिम और विभिन्न निर्धारकों जैसे जोखिम, भेद्यता और खतरे के संबंध में ओडिशा के 30 ग्रामीण जिलों की स्थिति की जानकारी शामिल है. जलवायु परिवर्तन के लिए नेशनल अडैप्टेशन फंड के तहत, ओडिशा के नुआपाड़ा जिले पर ध्यान देने के साथ 20 करोड़ रुपये की लागत से “पारंपरिक आजीविका के लिए जोखिम को कम करने और लचीलापन बढ़ाने के लिए नदी बेसिन में पानी निकलने के प्रबंधन के माध्यम से जल संरक्षण” परियोजना को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा, जैव विविधता प्रबंधन समितियों का गठन किया गया है और स्थानीय वनस्पतियों और जीवों की जानकारी दर्ज करने के लिए जैव विविधता रजिस्टरों को रखा गया है.

केंद्र अपने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के माध्यम से इस विषय पर नए डेटा और बढ़ते वैज्ञानिक ज्ञान को ध्यान में रखते हुए जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आकलन करता है. इसके अलावा, राज्य स्तर पर विभिन्न शोध संगठन, विश्वविद्यालय; शिक्षाविद् अपने जनादेश के अनुसार जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन करते हैं. तमाम विभागों/मंत्रालयों द्वारा उन क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर इसी तरह के अध्ययन तेजी से किए जा रहे हैं जिनके लिए वे जिम्मेदार हैं.
बुरी तरह प्रभावित है ओडिशा
बता दें देश में चक्रवाती तूफानों से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला राज्य ओडिशा है. पिछले 12 सालों में यहां 10 चक्रवाती तूफान आए हैं. 480 किमी तक फैली ओडिशा तटरेखा के 267 किमी में समुद्री कटाव या वृद्धि देखी गई है.
ओडिशा में छह तटीय जिले – बालासोर, भद्रक, गंजम, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और पुरी हैं. पिछले 12 वर्षों में इसने 10 चक्रवातों सहित कम से कम 16 प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है.
केंद्रपाड़ा जिला ओडिशा का सबसे खराब समुद्री कटाव वाला जिला है क्योंकि जिले के 16 गांव पहले ही समुद्र के पानी में डूब चुके हैं और समुद्र के स्तर में वृद्धि के कारण 247 लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा है.

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