अंतराष्ट्रीय

आईएसआई ने अमृतपाल को सिखों को भड़काने (provoke) के लिए भेजा भारत

नई दिल्ली. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने देश में सिख धर्मस्थलों के मैनेजमेंट पर पकड़ मजबूत और भारत में सिखों को भड़काने (provoke) की कोशिशें तेज़ कर दी हैं.

पाकिस्तान सरकार ने इस साल जनवरी में आईएसआई के एक अधिकारी को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का सीईओ नियुक्त किया है. सूत्रों ने कहा कि उन्हें गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की देखरेख करने का काम सौंपा गया था.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आईएसआई ने खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह को सिख धर्म और इतिहास में प्रशिक्षित करने के बाद भारत भेजा है. दुबई से भारत आने के पहले अमृतपाल जॉर्जिया की यात्रा पर गए थे और संभव है कि वहीं उन्हें यह सब पढ़ाया गया हो.

सूत्रों ने कहा कि आईएसआई पंजाब में खालिस्तानी अलगाववाद की आग को भड़काने के लिए ‘हाड़-मांस’ का एक कल्ट फीगर चाहता था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी एजेंसी अमृतपाल के इर्द-गिर्द एक ‘ब्रांड और कल्ट’ बना रही है और सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे उसके अभियान को भी नियंत्रित कर रही है.
अधिकारियों का कहना है कि अमृतपाल सिंह सिख धर्म के एक कट्टरपंथी रूप को बढ़ावा दे रहे हैं. वह और उनके अनुयायियों ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए गुरुद्वारा दरबार हॉल में रखे सोफे और कुर्सियों को बाहर लाकर जालंधर के एक गुरुद्वारे में तोड़फोड़ की.

गुरुद्वारा प्रबंधन द्वारा लिखित शिकायत देने के बावजूद अमृतपाल और उनके 40-50 अनुयायियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करने पर विपक्षी दलों ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधा है.

वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में कहा था कि ‘1000 लोग (अमृतपाल सिंह के अनुयायी, जिन्होंने कट्टरपंथी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के जेल में बंद साथी सदस्य को मुक्त करने के लिए अजनाला पुलिस स्टेशन का घेराव किया था) पंजाब का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य में शांति भंग करने के लिए उन्हें पाकिस्तान द्वारा फंडिंग की गई थी.

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