नई तकनीक की तैयारी में रेलवे(Railways)
रेलवे : ट्रेन में सफर के दौरान स्टेशन पहुंचने से पहले बीच रास्ते या आउटर में गाड़ी के रूक जाने पर यात्री बड़े परेशान होते हैं. क्योंकि अक्सर ऐसे हालात में सिग्नल नहीं मिलने पर ट्रेन काफी देर तक खड़ी रहती है. कई बार तो ट्रैक पर रेल एक-एक घंटे तक रूकी रहती हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और ट्रेनें बिना किसी रुकावट के दौड़ेंगी. क्योंकि अब रेलवे (Railways) कुछ ट्रैक पर एडवांस सिग्नल सिस्टम लगाने जा रहा है.
अब ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम से रेलवे सुविधाओं को अपग्रेड करने की तैयारी चल रही है, जिससे ट्रेनों की आवाजाही पर असर नहीं पड़ेगा और मुसाफिर समय यात्रा करके स्टेशन पहुंचेंगे.
रेलवे का यह प्रोजेक्ट 1 हजार करोड़ का है. इसके पहले चरण में यह सिग्नल लखनऊ से छपरा के बीच लगेंगे. इसका टेंडर जारी हो गया है जल्द काम शुरू होगा.
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन इस प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ से बाराबंकी होते हुए छपरा रेलवे ट्रैक पर हर 1 किलोमीटर पर ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नल लगेंगे.
इसके अलावा सीतापुर से बुढ़वल के बीच भी यह सिग्नल लगेंगे. 2025 तक पूरे सेक्शन पर सिग्नल लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा.
फिलहाल रेलवे ट्रैकों पर एब्सोल्यूट ब्लॉक सिग्नल सिस्टम चल रहा है, जिसमें एक ब्लॉक सेक्शन में ट्रेन के अगले स्टेशन पर पहुंचने के बाद ही पीछे से आने वाली ट्रेन को ग्रीन सिग्नल दिया जाता है. इस वजह से दूसरी ट्रेनें लेट हो जाती हैं.
ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम में दो स्टेशनों के बीच प्रत्येक 1 किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल लगाए जाते हैं. इससे जैसे-जैसे सिग्नल ग्रीन मिलते रहते हैं, पीछे से आने वाली ट्रेन आगे बढ़ती जाती है और ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ता है.
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेनों के सुगम संचालन के लिए ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम लगाने की तैयारी है। साल 2025 तक इस सिग्नलिंग सिस्टम को ट्रैक पर लगाने का टारगेट रखा गया है.