राशन की दुकान पर जब गोविंदा (Govinda)की हुई बेइज्जती

नई दिल्ली. तीन दशक तक हिंदी सिनेमा पर राज करने वाले गोविंदा (Govinda) ने लगभग 165 फिल्मों में काम किया है. वह अपनी स्वीट मुस्कान, शानदार डांस मूव्स और कॉमेडी की वजह से बॉलीवुड में फेमस हैं. उन्होंने फिल्म ‘इल्ज़ाम’ से सिनेमा जगत में कदम रखा है. इसके बाद उन्होंने ‘राजा बाबू’, ‘कुली नंबर 1’, ‘साजन चले ससुराल’, ‘हीरो नंबर 1’, ‘दुल्हे राजा’, ‘स्वर्ग’, ‘बड़े मिया छोटे मियां’, ‘जिस देश में गंगा रहता है’, ‘पार्टनर’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया.
हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि फिल्मी घराने से संबंध रखने वाले गोविंदा ने अपने शुरुआती दौर में खूब स्ट्रगल किया है. बात दें कि गोविंदा का जन्म 21 दिसंबर 1963 को एक पंजाबी परिवार में हुआ थ. उनके पिता अरुण कुमार एक अभिनेता और प्रोड्यूसर भी थे जबकि उनकी मां निर्मला देवी एक्ट्रेस और सिंगर थीं. इसके बावजूद एक समय ऐसा था कि गोविंदा का परिवार बेहद गरीबी में जी जीया और उनके पास राशन खरीदने के भी पैसे नहीं थे. गोविंदा ने इस बारे में अपने एक पुराने इंटरव्यू में खुलकर बात की थी.
गोविंदा ने खुद किया था खुलासा
1997 में ‘इंडिया टुडे’ एक इंटरव्यू में गोविंदा ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया. और इस दौरान उन्होंने कई खुलासे भी किए, जिसे जानने के बाद हर कोई शॉक्ड था. रिपोर्ट के अनुसार, गोविंदा ने बताया था कि एक समय था जब हमारे पास किराने का सामान खरीदने तक के पैसे नहीं होते थे. उन्हें उस समय बहुत ही संघर्ष और बेइज्जती के साथ जीना पड़ रहा था. बकाया पैसा नहीं देने की वजह से एक किराने वाले मुझे बहुत अपमानित करता था. वह अपनी दुकान के सामने घंटों खड़ा रखता था क्योंकि उसे पता था कि मैं सामान के लिए उसे पैसे नहीं दूंगा. ऐसा कई बार हुआ. एक दिन मैंने दुकान पर जाने से मना कर दिया. ये सब देखकर मेरी मां टूट गई और रोने लगी थी और उन्हें रोता देखकर मैंने भी रो दिया.
बता दें कि गोविंदा की लाइफ में ये दिन तब आया जब उनके पिता अरुण अहूजा ने एक फिल्म प्रोड्यूस की और वह बुरी तरह फ्लॉप हो गई. पैसा डूबने की वजह से उनका परिवार परेशानियों से घिर गया. हालात इतने खराब थे कि परिवार पर कर्ज चढ़ चुका था और लोग पैसे के लिए घर पर आने लगे थे. ये बातें भी गोविंदा ने खुद ही बताई थी.