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राजस्थान में असदुद्दीन ओवैसी ( Owaisi )का यह प्लान कहीं कांग्रेस के सपनों पर फेर न दे पानी?

भरतपुर. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ( Owaisi ) ने शनिवार को मुस्लिम बहुल इलाके मेवात में रैलियां की. ओवैसी ने पहली रैली अलवर के टपूकढ़ा में और दूसरी रैली भरतपुर की पहाड़ी में की. दरअसल जुनैद और नासिर, जिनके साथ मारपीट के बाद कथित रूप से हरियाणा में जिंदा जला दिया था, वे पहाड़ी के घाटमिका के ही रहने वाले थे. ओवैसी जनसभा के बाद घाटमिका गांव में जुनैद और नासिर के परिवार से भी मिले.

असदुद्दीन औवेसी ने यहां रैली में गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला और आरोप लगाया कि ‘सीएम गहलोत ने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया.’ वहीं एआईएमआईएम पर लगने वाले मुस्लिम वोटों को बांटने के आरोपों पर ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि हमें वोटकटुआ कहा जाता है, लेकिन इस बार हम अपना हक लेंगे. उन्होंने कहा, ‘अगर औवैसी की वजह से कांग्रेस चुनाव हारती है तो कांग्रेस राजस्थान में पिछला चुनाव क्यों हारी. गहलोत का बेटा लोकसभा चुनाव क्यो हारा.’

औवैसी ने दो युवकों को जलाने के मामले में भी गहलोत सरकार और राजस्थान पुलिस पर जमकर निशाना साधा. मेवात में गोरक्षकों और गोतस्करों के बीच अक्सर होने वाले टकराव को भी औवैसी सियासी रूप से भुनाना चाहते हैं.
दरअसल राजस्थान में इसी साल चुनाव होने वाले हैं और औवैसी की नजर राज्य में मुस्लिम प्रभाव वाली 35 सीटों पर है, जिनमें सबसे अधिक मेवात में ही हैं. इसी कड़ी में वह सचिन पायलट के प्रभाव वाले टोंक में रैली को संबोधित करेंगे.
ओवैसी के इस चुनावी अभियान से कांग्रेस में खासी बैचैनी है. एक तरफ वह अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साध रहे हैं, तो वहीं सचिन पायलट के गढ़ माने जाने वाले टोंक में सेंध लगाने की कोशिश में है. वर्ष 2018 में अधिकतर मुस्लिम बहुल सीटें कांग्रेस ने जीती थी. इसी वजह से कांग्रेस को डर है कि ओवैसी मुस्लिम बहुल सीटों में वोटों का बंटवारा करके उसकी उम्मीदों पर पानी न फेर दें.

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