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जिंदा जलीं मां-बेटी, SDM को निलंबित किया गया !

कानपुर देहात में मैथा तहसील क्षेत्र के मड़ौली पंचायत के चालहा गांव में सोमवार को ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम के सामने कब्जेदार की झोपड़ी में संदिग्ध हालत में आग लग गई। घटना के वक्त मां-बेटी झोपड़ी के अंदर थीं। दोनों को बचाने के प्रयास में गृहस्वामी व रुरा थाना प्रभारी झुलस गए। मां-बेटी व कई बकरियों की मौत हो गई।  कानपुर देहात की इस घटना ने हर किसी को झकझोर दिया है। मंगलवार को उच्चाधिकारियों द्वारा परिजनों को समझाने का प्रयास चल रहा है। परिजन शव नहीं उठने दे रहे हैं। परिजन पांच करोड़, सरकारी नौकरी व दोनों बेटों के लिए आवास की मांग पर अड़े रहे।

शव उठाने को राजी हुए परिजन डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर हुई वार्ता के बाद परिजन शव उठाने को राजी हुए। बताया जा रहा है कि फॉरेंसिक टीम ने शव उठाए।

मामले में बड़ी कार्रवाई – कानपुर देहात की घटना में एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है। डीएम ने बताया कि मामले में लेखपाल अशोक सिंह को सस्पेंड किया गया है। मंडलायुक्त ने लेखपाल की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। मां-बेटी की मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट कर लिखा कि- कानपुर में अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन के सामने ही मां-बेटी ने आग लगाकर जान दे दी और पुलिस तमाशा देखती रही। अतिक्रमण हटाने व बुलडोजर के जोश में प्रशासन आखिर अपना होश क्यों खो रहा है। क्या ‘महिला सशक्तिकरण’ व ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की बात केवल कागजी नीति है?

परिजन मुख्यमंत्री योगी को बुलाने की मांग पर अड़े हैं। प्रमुख सचिव के आने की बात की चर्चा है। मंडलायुक्त व एडीजी भी घटना स्थल पर पहुंच चुके हैं। सोमवार रात से ही अफसर परिजनों को मनाने में हैं। समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडे के नेतृत्व में डेलिगेशन पहुंचेगा। कानपुर देहात की घटना पर सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि- कानपुर देहात की घटना बेहद दुखद है। ऐसे अफसरों को जेल भेजा जाना चाहिए।  राज्यमंत्री समेत कई नेता पहुंचे सांत्वना देने-  मां-बेटी की मौत की खबर पाकर राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी मौके पर पहुंचे। दोनों ने दुखी परिवार को सांत्वना दी। साथ ही घटना के बारे में जानकारी लेने के साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिया। राज्यमंत्री ने मामले की निष्पक्ष जांच व सरकारी मदद दिलाए जाने की बात भी पीड़ित परिवार से कही है।

सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के आदेश पर राज्यमंत्री मौके पर पहुंची थी। इसके अलावा कई और नेता पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे थे। जिलाध्यक्ष आम आदमी पार्टी विवेश यादव घटनास्थल पर पहुंचे, उन्होंने बताया कि पार्टी राज्यसभा में मुद्दा उठाएगी। वहीं कानपुर देहात में हुई मां-बेटी की मौत के बाद सपा विधायक अमिताभ बाजपेई को नजरबंद किया गया। घर के बाहर कई थानों की फोर्स लगाई गई है। सपा विधायक के कानपुर देहात जाने पर पुलिस ने रोक लगा दी है।

जानकी घाट अयोध्या से महंत महेंद्रदास जी कानपुर देहात पहुंचे। लेखपाल और एसडीएम की गिरफ्तारी न होने पर वह घटना स्थल पर ही आमरण अनशन पर बैठ गए।
मामले में पीड़ित के बेटे ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वार्ता की। इस दौरान उसने डीएम और एडीएम को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है।

टोल प्लाजा पर कांग्रेस नेता नकुल दुबे और नसीमुद्दीन सिद्दीकी को रोका गया

लखनऊ-कानपुर हाईवे पर अजगैन कोतवाली क्षेत्र में नवाबगंज टोल प्लाजा पर कानपुर में हुई बुलडोजर की कार्रवाई के विरोध में पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट करने जा रहे कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पूर्व मंत्री नकुल दुबे सहित कई कांग्रेसी नेताओं को पुलिस ने टोल प्लाजा पर गिरफ्तार कर लिया। जिसका कांग्रेसी नेताओं ने विरोध किया। पुलिस अधिकारियों ने ऊपर से आदेश हैं ऐसा कहकर उन्हें टोल प्लाजा के पास बैठा रखा है। कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि हम पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करने कानपुर जा रहे थे, शांतिपूर्वक जा रहे थे उसके बावजूद हमें पुलिस ने गैर कानूनी ढंग से टोल प्लाजा पर रोक लिया है और गिरफ्तारी का कारण पूछने पर बता रहे हैं कि ऊपर से आदेश है।

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