रविवार के दिन तुलसी (r Tulsi)माता भगवान विष्णु के लिएरखती हैं निर्जला व्रत

तुलसी का पौधा: हिंदू धर्म में पेड़-पौधों को ईश्वर की तरह माना जाता है. ऐसे कई पेड़-पौधे हैं जिनकी पूजा की जाती है. भारतवर्ष में हर घर के आंगन में आपको एक पौधा देखने को जरूर मिल जाएगा. इस पौधे पर लोग प्रतिदिन जल चढ़ाकर पूजा करते हैं. इस पौधे का नाम है तुलसी. आयुर्वेद में भी तुलसी को एक बहुत गुणकारी और लाभकारी पौधा बताया गया है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी (r Tulsi) के पौधे में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है, इसलिए इसे हर घर में लगाना शुभ माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि तुलसी के पौधे में सूर्योदय के समय जल देने से जीवन में सकारात्मकता आती है और पूरा जीवन सुखमय व्यतीत होता है. कुछ दिन ऐसे भी हैं, जब तुलसी में जल नहीं अर्पित करना चाहिए. माना जाता है, इन दिनों में तुलसी में जल देने से जीवन में नकारात्मकता आ सकती है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
रविवार को नहीं चढ़ाया जाता तुलसी में जल
हिंदू धार्मिक पुराणों के अनुसार, तुलसी का पौधा बहुत शुभ होता है. ऐसा माना जाता है कि तुलसी के पौधे में प्रतिदिन जल चढ़ाने जीवन में सुख-समृद्धि, सकारात्मकता और प्रसन्नता आती है और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, लेकिन रविवार के दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए.
माना जाता है कि रविवार के दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और जल चढ़ाने से उनका व्रत खंडित हो सकता है. रविवार को तुलसी के पौधे में जल नहीं चलाया जाना चाहिए.
एकादशी पर भी न दें तुलसी में जल
एकादशी का दिन हिंदू पुराणों के अनुसार, भगवान विष्णु का प्रिय दिन माना गया है. माता तुलसी को भी ये दिन बेहद प्रिय है. देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी का विवाह शालिग्राम के साथ हुआ था. माना जाता है कि एकादशी के दिन तुलसी माता विष्णु भगवान के लिए निर्जला व्रत रखती हैं.
एकादशी के दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए. ना ही इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए. मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन ऐसा करने से माता लक्ष्मी रुष्ठ हो जाती हैं और जीवन में नकारात्मकता आती है