कोविड अस्पताल में मारपीट करने वाले दबंग मरीजों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
लखनऊ। पीजीआई के राजधानी कोविड अस्पताल में दबंग मरीजों द्वारा पेशेंट हेल्पर को पीटे जाने से नाराज करीब 100 से अधिक सहयोगियों ने बुधवार को संस्थान निदेशक का घेराव कर विरोध दर्ज कराया। प्रशासनिक भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे पेशेंट हेल्पर धीरज के साथ मारपीट करने वाले दबंग मरीजों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। प्रदर्शन की जानकारी होने पर मौके पर पहुंचे कोविड अस्पताल के प्रभारी डॉ. आरके सिंह और आउट सोर्सिंग के नोडल अफसर डॉ. गौरव अग्रवाल, डॉ. आरपी सिंह और सेनेटरी इंस्पेक्टर ओम प्रकाश ने पेशेंट हेल्परों को शांत कराया और कार्रवाई का भरोसा दिलाया। तब जाकर यह कर्मी शांत हुए। पेशेंट हेल्पर धीरज की तबियत बिगड़ गई। अगले दिन जांच करने पर कोरोना पॉजिटिव आ गया। 19 सितम्बर को कोरोना वार्ड में आउट सोर्सिंग कर्मी पेशेंट हेल्पर धीरज कुमार कोविड अस्पताल के चौथी मंजिल स्थित आईसोलेशन के चार बी वार्ड में संक्रमित मरीजों को खाना बांटने गया था। खाने का एक पैकेट कम पडऩे पर धीरज ने मरीज से कहा, अभी पैकेट लेकर आता हूं। बस यह बात दबंग मरीजों को नागवार गुजरी। वार्ड के तीन मरीज धीरज पर टूट पड़े और उसे पीटने लगे। उसकी पीपीई किट और मास्क भी फाड़ दिया। धीरज की चीख सुनकर दो सफाई कर्मी धीरज के समर्थन में आये तो उन्हें भी मरीजों ने पीट दिया। धीरज को रात में ही बुखार आ गया। तबियत बिगडऩे पर अगले दिन धीरज ने जांच कराई। जिसमें वह कोरोना पॉजिटिव मिला। धीरज के साथ हुई मारपीट से आक्रोशित दर्जनों पेशेंट हेल्पर बुधवार को प्रशासनिक भवन का घेराव करने पहुंचे। दबंग तीनों मरीजों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कर्मियों का आरोप है कि कोविड अस्पताल में सबसे ज्यादा काम पेशेंट हेल्पर करते हैं। जबकि उन्हें मानदेय 6 से 7 हजार रुपये मिलता है इतने कम रुपये में भी खुद की जान जोखिम में डालकर कोरोना मरीजों की दिन रात सेवा कर रहे हैं। इसके बावजूद उनके साथ मरीजों द्वारा मारपीट की जा रही है।