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बलूचिस्तान, सिंध और पीओके में सड़क पर उतरे लोग,पाकिस्तान के टूटने का संकेत ?

पाकिस्तान में सबकुछ ठीक नहीं है। महंगाई, भुखमरी से जूझ रहा पाकिस्तान के इलाकों में लोग सड़क पर उतर आए हैं। पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। पीओके के गिलगित बाल्टिस्तान में तो लोग भारत के साथ जुड़ने की मांग कर रहे हैं। सिंध में तो पिछले दिनों यहां लोगों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसी तरह के प्रदर्शन बलूचिस्तान में भी हो रहे हैं।

गिलगित बाल्टिस्तान के लोगों ने कहा- भारत के साथ जुड़ना चाहते हैं

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के गिलगित बाल्टिस्तान में हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए हैं। यहां पिछले 12 दिन से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है। स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके भारत के लद्दाख से गिलगित बाल्टिस्तान को जोड़ने की मांग की है। इसके कई वीडियो भी सामने आ चुके हैं। एक वीडियो में मांग की जा रही है कि कारगिल सड़क को फिर से खोला जाए और भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल जिले में बाल्टिस्तान को दोबारा से मिलाया जाए।

पूरे पीओके में इस तरह के कई विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यहां के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान की सरकार भेदभाव करती है। यहां के लोगों को राशन मुहैया नहीं कराया जाता। जमीनों पर सरकार अवैध तरीके से कब्जा कर रही है और प्राकृतिक संसाधनों का अतिदोहन किया रहा है। पीओके में रहने वाले बच्चों के लिए स्कूल-कॉलेज नहीं है। अस्पताल नहीं है और जहां हैं, वहां सही से इलाज नहीं मिलता।

सिंध में मोदी के समर्थन में नारेबाजी, पाकिस्तान के खिलाफ लोगों में गुस्सा

सिंध में भी पीओके की तरह लोग आए दिन सड़क पर उतर रहे हैं। पिछले दिनों यहां लोगों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। पीएम मोदी की फोटो के साथ लोगों ने लिखा था कि नरेंद्र मोदी जी, पाकिस्तान से सिंध आजाद होना चाहता है। कृपया सिंध के लोगों की मदद करें। दरअसल, सिंध को भारत में मिलाने के लिए आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन के मुखिया शफी बुरफत कहते हैं कि पाकिस्तान की सरकार सिंध के लोगों के साथ भेदभाव करती है। इसलिए यहां के लोग पाकिस्तान से आजाद होना चाहते हैं। लोग भारत में शामिल होना चाहते हैं। पिछले दिनों सिंध के लोगों ने एक बड़ी रैली निकाली। इसमें शामिल लोगों ने कहा कि ‘सिंध’ सिंधु घाटी सभ्यता और वैदिक धर्म का घर है। ये ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था।

पाकिस्तानी उत्पीड़न के खिलाफ बलूचिस्तान में प्रदर्शन

बलूचिस्तान में भी पाकिस्तानी सेना और सरकार के उत्पीड़न के खिलाफ लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। बलूचिस्तान के लोगों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उग्र आंदोलन शुरू कर दिया है। सेना जब बलूचिस्तान के लोगों को परेशान करती है तो लोग एकजुट होकर उनका मुकाबला करते हैं। पिछलें दिनों बलूचिस्तान से कई ऐसे वीडियो सामने आए, जिसमें लोगों का गुस्सा देखा जा सकता है। बलूची लोगों ने पाकिस्तानी सेना से तंग आकर उनपर पथराव भी शुरू कर दिया है। विरोध की ये आग अब तेज होती जा रही है।

क्यों बढ़ रहा पाकिस्तान सरकार का विरोध?

इसे समझने के लिए हमने पाकिस्तान के सिंध में रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार और सिंध के सामाजिक कार्यकर्ता सज्जाद अली से बात की। उन्होंने कहा, ‘केवल पीओके, बलूचिस्तान और सिंध में ही पाकिस्तान सरकार का विरोध नहीं हो रहा, बल्कि पूरे देश में लोग सड़कों पर हैं। लोग अब समझने लगे हैं कि यहां की सरकारें उन्हें धोखा दे रहीं हैं।

मजहब के नाम पर सिर्फ नफरत सिखाया जा रहा है। लोग भूखे मर रहे हैं। पीने को साफ पानी नहीं मिल रहा। बीमारी में इलाज नहीं मिलता। कोई तरक्की नहीं हुई है। सड़कों का बुरा हाल है। ऐसे में लोग क्या करेंगे?’

सज्जाद आगे कहते हैं, ‘सिंध, बलूचिस्तान और पीओके में पाकिस्तान की सरकार केवल अपने फायदे के लिए काम करती है। यहां के प्राकृतिक संसाधनों से सिर्फ अपने लोगों को फायदा दिलवा रही है। जब भी सिंध, बलूची या पीओके के लोग अपने हक की मांग करते हैं तो उन्हें परेशान किया जाता है। यही हालत पंजाब में भी कुछ जगहों पर है।

सभी को मालूम है कि पाकिस्तान की सरकार उन्हें वह सब मुहैया नहीं करा सकती है, जो भारत की सरकार दे सकती है। इसलिए अब लोग वापस भारत से जुड़ना चाहते हैं। इसलिए अब पाकिस्तान के हर हिस्से से आजादी के नारे उठने शुरू हो गए हैं।’

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