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भूकंप नहीं, अफगानिस्तान (Afghanistan,) में गिरा था ‘एटम बम,’

नई दिल्ली. अफगानिस्तान(Afghanistan,)  में गुरुवार रात को आए भूकंप ने भारत के साथ-साथ ताजिकिस्तान और पाकिस्तान में भी असर दिखाया. रिएक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.9 थी. इसका केंद्र अफगानिस्तान में हिंदूकुश में था. इसकी गहराई करीब 200 किमी थी. चौंकाने वाली बात यह है कि यह भूकंप एक तरह से ‘एटम बम’ भी था. दरअसल, जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंस ने इस भूकंप की ऊर्जा भी मापी. इसे मापने के बाद जो परिणाम आए वो हैरान करने वाले थे. नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी के मुताबिक, इस भूकंप के शुरुआती झटके रात करीब 7:55 पर महसूस किए गए.

जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंस के मुताबिक, अफगानिस्तान में आए भूकंप ने 5351 टन के टीएनटी विस्फोटक जितनी ऊर्जा पैदा की. इतना ही नहीं इस भूकंप में एटम बम के विस्फोट से 0.3 गुना ज्यादा ऊर्जा थी. उदाहरण के लिए जब विश्व युद्ध-2 के दौरान जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर बम फेंके गए तो एक बम ने 15 हजार टन टीएनटी विस्फोटक, तो दूसरे बम ने 21 हजार टन टीएनटी विस्फोटक जितनी ऊर्जा पैदा की. अफगानिस्तान में आए भूकंप की ताकत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इसने 6.3 गीगवॉट हावर्स की ऊर्जा पैदा की, जो औसत-दर्जे के 40 लाख 50 हजार घरों को रोशन करने के लिए काफी है.

भारत के भी कई हिस्सों में महसूस हुए झटके
यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसका असर जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, ताजिकिस्तान और पाकिस्तान में भी हुआ. इससे पहले एक जनवरी को भारत के उत्तरी हिस्से में भूकंप आया था. एनसीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 3.8 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था. इस भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर में था और इसकी गहराई 5 किमी थी.

पिछले भूकंप ने अफगानिस्तान में मचाई थी तबाही
बता दें, इस भूकंप की वजह से अफगानिस्तान और भारत में कोई जान-माल की हानि नहीं हुई. हालांकि, अफगानिस्तान में पिछले साल आए भूकंप ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली थी. पिछले साल जुलाई में 5.9 तीव्रता के भूकंप ने एक हजार अफगानियों की जान ले ली थी. अंतरराष्ट्रीय आपात कम्युनिटी के मुताबिक, उस वक्त हजारों लोग घायल हुए थे और करीब 1800 घर तहस-नहस हो गए थे.

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