दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र पर तैनात पहली महिला(female ) सैन्य अफसर की कहानी

कैप्टन शिवा चौहान: कैप्टन शिवा चौहान को सियाचिन में तैनात होने से पहले कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ा. सेना ने लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोकी महिला (female ) अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान को सियाचिन में तैनात किया है. यह पहली बार है कि भारतीय सेना की ओर से किसी महिला अधिकारी की इस खतरनाक पोस्ट पर तैनाती की गई है. सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित युद्ध क्षेत्र है और इसे सितंबर 2021 में पर्यटन के लिए खोला गया था.
भारतीय सेना के लिए यह गर्व का क्षण था जब कैप्टन शिवा चौहान अन्य कर्मियों के साथ सियाचिन बैटल स्कूल में एक महीने के कठिन प्रशिक्षण के बाद दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में सक्रिय रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं.
राजस्थान के कैप्टन शिवा चौहान एक बंगाल सैपर अधिकारी हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा उदयपुर से पूरी की है और एनजेआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, उदयपुर से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने 11 साल की छोटी उम्र में अपने पिता को खो दिया था और उनकी मां जो एक गृहिणी है, ने उनकी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा. बचपन से ही उन्हें भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया था और उन्होंने ओटीए चेन्नई में प्रशिक्षण के दौरान अद्वितीय उत्साह दिखाया. इसके बाद मई 2021 में इंजीनियर रेजिमेंट में उन्हें नियुक्त किया गया.
एक वर्ष की सेवा में कैप्टन शिवा ने जुलाई 2022 में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आयोजित सियाचिन युद्ध स्मारक से कारगिल युद्ध स्मारक तक 508 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए सुरा सोई साइकिलिंग अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्व करके धैर्य और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया. अधिकारी ने तब दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में सुरा सोई इंजीनियर रेजिमेंट के पुरुषों का नेतृत्व करने की चुनौती ली और उनके प्रदर्शन के आधार पर सियाचिन बैटल स्कूल में प्रशिक्षण लेने के लिए चुना गया.
अधिकारी को सियाचिन बैटल स्कूल में कठोर प्रशिक्षण दिया गया. जहां उन्होंने भारतीय सेना के अधिकारियों और जवानों के साथ प्रशिक्षण लिया. इस प्रशिक्षण में धीरज प्रशिक्षण, बर्फ की दीवार पर चढ़ना, हिमस्खलन बचाव और उत्तरजीविता अभ्यास शामिल थे. विभिन्न चुनौतियों के बावजूद कैप्टन शिवा ने अदम्य प्रतिबद्धता के साथ सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा किया और सियाचिन ग्लेशियर में शामिल होने के लिए तैयार हो गई
कठिन चढ़ाई के बाद 02 जनवरी 2023 को उन्हें सियाचिन ग्लेशियर में शामिल किया गया. कैप्टन शिवा चौहान के नेतृत्व में सैपर्स की टीम कई युद्ध इंजीनियरिंग कार्यों के लिए जिम्मेदार होगी और साथ ही तीन महीने की अवधि के लिए पोस्ट पर तैनात की जाएगी.