सुधाकर सिंह के बयान पर उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha )नाराज
पटना. क्या बिहार में महागठबंधन की राजनीति में सब ठीक है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि जब से डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का पद सौंपने का दबाव बढ़ा है तब से राजद और जदयू के नेता एक दूसरे के आमने-सामने होते नजर आ रहे हैं. हाल में ही पूर्व कृषि मंत्री और आरजेडी के विधायक सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार पर तीखे शब्दों से हमला किया तो इसका पलटवार करते हुए जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha ) ने मोर्चा संभाल लिया और सीधे तेजस्वी यादव से अपने विधायक पर कार्रवाई की मांग कर दी है.
उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव को चेतावनी देते हुए यह कहा है अपने विधायक को समझाइए और बताइए कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को खौफनाक मंजर से बाहर निकाल कर मर्दानगी दिखाई थी. बता दें कि पिछले दिनों सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार को भरा बुला बुरा कहते हुए उन्हें शिखंडी तक कह दिया था. अब उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव से विधायक पर कार्रवाई करने की मांग की है.
तेजस्वी यादव जी, जरा गौर से देखिए-सुनिए अपने एक माननीय विधायक के बयान को और उन्हें बताइए कि राजनीति में भाषाई मर्यादा की बड़ी अहमियत होती है. वे उस शख्सियत को ‘शिखंडी’ कह रहें हैं, जिन्होंने बिहार को उस खौफनाक मंजर से मुक्ति दिलाने की ‘मर्दानगी’ दिखाई थी. वह भी तब जब उसके खिलाफ कुछ भी बोलने के पहले लोग दाएं-बाएं झांक लेते थे.
ऐसे बयानों से प्रदेश की लाखों-करोड़ों जनता एवं वर्तमान जद (यू) और तत्कालीन समता पार्टी के उन हजारों कार्यकर्ताओं की भावना को चोट पहुंचती है जिन्होंने उस दौर में नीतीश कुमार ) जी का साथ-सहयोग दिया, कुर्बानी दी. सुधाकर जी को बताइए, कम से कम बिहार को उस खौफनाक मंजर से बाहर निकालने जैसे मर्दानगी भरे कार्यों के लिए तो नीतीश कुमार जी को बिहार का इतिहास निश्चित ही याद करेगा.
अब आप ही बताइए, अबतक जनता के आशिर्वाद से राज्य में सबसे अधिक बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का रिकॉर्ड कायम करने वाले इतने बड़े नेता को कोई ‘नाइट गार्ड’ कहे, यह बिहार की समस्त जनता का अपमान नहीं तो और क्या है? ऐसे बयानों पर जितनी जल्दी रोक लगे उतना श्रेयस्कर होगा. गठबंधन के लिए और शायद आपके लिए भी.
बता दें कि सुधाकर सिंह राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं और रमगढ़ से राजद के विधायक हैं. उन्होंने महागठबंधन की सरकार में कृषि मंत्री का पद संभाला था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृषि नीतियों की आलोचना करके जदयू नेताओं के निशाने पर आ गए थे. इसके बाद उन्हें अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद भी सुधाकर सिंह सीएम नीतीश पर मुखरता से हमला जारी रखे हुए हैं.