सरकारी अस्पतालों (hospitals)को सभी का इलाज करना होगा, चाहे वो कहीं का भी हो
दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों (hospitals) में होने वाले इलाज में की जा रही आनाकानी को लेकर अहम फैसला सुनाया है. बिहार निवासी एक शख्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि अस्पताल दिल्ली के बाहर से आने वाले मरीजों को इलाज मुहैया करने से इनकार नहीं कर सकते. दरअसल याचिकाकर्ता का आरोप था कि राजधानी के सरकारी लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल ने केवल दिल्ली के निवासियों को मुफ्त एमआरआई जांच की सुविधा प्रदान की है. अदालत ने कहा, ‘वे (अस्पताल) यहां मतदाता पहचान पत्र के लिए जोर नहीं दे सकते…एम्स या दिल्ली के किसी अन्य अस्पताल में, आप नागरिकों को बाहर से आने (और इलाज कराने) से नहीं रोक सकते हैं.
कोर्ट ने कहा कि इस अदालत का एक पूर्व का फैसला स्पष्ट करता है कि जहां तक उपचार का संबंध है, सभी नागरिकों को उनके निवास स्थान का विचार किए बिना उपचार प्रदान किया जाना चाहिए. अदालत ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता का एमआरआई 26 दिसंबर को सुबह 11 बजे किया जाएगा. याचिकाकर्ता की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दलील दी कि अस्पताल ने उन लोगों के खिलाफ ‘भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण’ अपनाया है, जो दिल्ली के निवासी नहीं थे और इसलिए याचिकाकर्ता को उनके घुटने के एमआरआई स्कैन के लिए जुलाई 2024 में एक तारीख दी गई थी.
याचिका में दावा किया गया है, ‘चिकित्सक द्वारा यह बताया गया कि एमआरआई जांच की सुविधा केवल उन दिल्लीवासियों के लिए उपलब्ध है, जिनके पास दिल्ली का मतदाता पहचान पत्र है और अन्य लोगों को अपने खर्चे पर जांच करानी होती है