बीजेपी ने बंदूक़ की नोक पर आप प्रत्याशी का नामांकन वापस करवाया: मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली। गुजरात में आम आदमी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता और अपनी निश्चित हार से भाजपा इतना ज़्यादा बौखला चुकी है कि तमाम साज़िशें रचते हुए, उम्मीदवारों का अपहरण कर, उन्हें डरा-धमकाकर अपना नामांकन वापिस लेने का दबाव डाल रही है। और इस सब के बाबजूद चुनाव आयोग हाथ पर हाथ रखे बैठे हुए है। ऐसा ही एक मामला कल सामने आया जहां भाजपा के गुंडों द्वारा सूरत-ईस्ट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कंचन जरीवाला का नामांकन दफ़्तर के बाहर से अपहरण कर लिया गया और 24 घंटे तक पुलिस उन्हें ढूँढने में नाकाम रही।
इस घटना के बाद आज कंचन जरीवाला को भारी पुलिस बल के बीच नामांकन दफ़्तर में लाकर दबाव डालकर उनका नामांकन वापिस लिया गया। भाजपा के गुंडों द्वारा ऐसे खुलेआम प्रत्याशियों को धमकाना, पुलिस द्वारा गुंडों को प्रश्रय देना और इस पूरे मसले पर चुनाव आयोग का आँखें मूँद कर रखना देश में लोकतंत्र की हत्या का जीता-जागता उदाहरण है। इसका विरोध जताते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने चुनाव आयोग के दफ़्तर के बाहर धरना दिया। आम आदमी पार्टी के विधायकों के साथ 4 घंटे धरना देने के बाद मनीष सिसोदिया को मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलने का समय दिया गया और मनीष सिसोदिया ने चुनाव आयुक्त से मिलकर उनके समक्ष सारी बातें रखी।
अरविंद केजरीवाल ने भी इस पूरे मुद्दे पर ट्वीट करते हुए कहा कि, गुंडों और पुलिस के दम पर उम्मीदवारों को अगवा कर उनका नामांकन वापिस करवाया जा रहा है। इस क़िस्म की सरेआम गुंडागर्दी भारत में कभी नहीं देखी गई। फिर चुनाव का क्या मतलब रह गया?फिर तो जनतंत्र ख़त्म है। सिसोदिया ने कहा कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी हार के बौखलाहट से इस तरह डर गयी है कि अपहरण जैसी शर्मनाक हरकतें कर रही है। उन्होंने बताया कि भाजपा के गुंडों ने सूरत ईस्ट से आम आदमी पार्टी उम्मीदवार कंचन जरीवाला जी को नामांकन की स्क्रूटिनी के दौरान 24 घंटे पहले आरओ के दफ्तर के बाहर से अपहरण के बाद से ही कंचन जरीवाला और उनके परिवार का कोई अता-पता नही था व फ़ोन भी ऑफ था।
लेकिन आज करीब 500 से ज़्यादा पुलिसबल के बीच उन्हें आरओ दफ्तर लाया गया है और वहां उन्हें डरा-धमकाकर जबरदस्ती नॉमिनेशन वापिस लेने के लिए दबाव बनाया गया। और उनसे नामांकन वापिस ले लिया गया। सिसोदिया ने कहा कि यह घटना लोकतंत्र के लिए बहुत ही खतरनाक है। उन्होंने बताया कि कल से आम आदमी पार्टी की पूरी टीम गुजरात मे चुनाव आयोग के संपर्क में थी और वहाँ के मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा आश्वासन दिया गया था कि इस पूरे मसले पर संबंधित डीएम और एसपी को सूचित कर दिया गया है और वे कारवाई कर रहे है। लेकिन बावजूद उसके 24 घंटे तक कंचन जरीवाला का कोई अता-पता नहीं चला।
उन्होंने कहा कि 24 घंटे तक जो गुजरात पुलिस कंचन जरीवाला को ढूँढने में नाकाम रही। 24 घंटे बाद उसी गुजरात पुलिस ने भारी पुलिस बल के बीच कंचन जरीवाला को आरओ दफ़्तर में अपना नामांकन वापिस लेने का दबाव बनाया गया और उन डराते-धमकाते हुए उनका नामांकन वापिस करवाया गया। सिसोदिया ने कहा कि हमारा देश का चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जाना जाता है। लेकिन जब चुनाव के दौरान लीडिंग कैंडिडेट का दूसरी पार्टी द्वारा अपहरण कर लिया जाता है तो फिर निष्पक्षता कहा रह गयी | उन्होंने कहा कि यह घटना चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाता है। उन्होंने कहा कि मै चुनाव आयोग से निवेदन पूर्वक कहना चाहता हूं कि यह आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट का अपहरण नही हुआ बल्कि पुरे लोकतंत्र का अपहरण हुआ है |
उन्होंने कहा कि आज के दौर में अगर लीडिंग पार्टी के उम्मीदवार अपहरण कर लिया जाए, दबाव डालकर उसे नामांकन वापस लेने को मजबूर किया जाये और चुनाव नही लड़ने दिया जाएगा तो फिर इस देश में चुनाव के मायने क्या रह जायेंगे। सिसोदिया ने कहा कि चुनाव आयोग इस घटना को इमरजेंसी कि तरह संज्ञान में ले और लीडिंग पार्टी के उम्मीदवार का अपहरण का घटना एक सामन्य घटना नहीं है यह बहुत बड़ी घटना है। सिसोदिया ने चुनाव आयोग से अपील करते हुए कहा कि गुजरात में स्थिति बहुत खतरनाक है। चुनाव आयोग को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा की, ‘मैंने मुख्य चुनाव आयोग से मिलने का समय माँगा है | चुनाव आयोग द्वारा समय मिलने पर गुजरात के घटना को उनके समक्ष रखूंगा।
कैबिनेट के निर्णय : उत्तराखंड में धर्मांतरण को अब संज्ञेय अपराध घोषित
4 घंटे धरना देने के बाद चुनाव आयोग द्वारा मनीष सिसोदिया को चुनाव आयुक्त से मिलने का समय दिया गया। चुनाव आयुक्त से मुलाक़ात के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए श्री सिसोदिया ने कहा कि, चुनाव आयोग को मैंने बताया कि गुजरात में किस तरह की आपातकालीन स्थिति बनी हुई है। और बताया कि आम आदमी पार्टी का एक उम्मीदवार जो पिछली सुबह अपने नामांकन के लिए लड़ रहा था कि मैं ‘आप’ का उम्मीदवार हूँ और ‘आप’ की ओर से चुनाव लड़ूँगा। वही भाजपा के लोग उसपर चुनाव न लड़ने का दबाव बना रहे थे। भाजपा ने उसके नॉमिनेशन में कमियाँ निकालने का प्रयास किया लेकिन आप के प्रत्याशी कंचन जरीवाला पीछे नहीं हटे। उन्होंने बताया कि आरओ दफ़्तर से बाहर निकलते ही भाजपा के गुंडों ने उनका अपहरण कर लिया।
गुजरात पुलिस कही से कंचन जरीवाला जी को ढूँढ कर लाती है। उन्हें आरओ के कमरे में बैठाया जाता है और उनका नामांकन वापिस कराया जाता है और उसके बाद से दोबारा कंचन जरीवाला ग़ायब है। सिसोदिया ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के अंदर यह पहली बार हुआ है जब 24 घंटे पहले एक व्यक्ति जो चुनाव लड़ना चाह रहा था और भाजपा उसका विरोध कर रही थी। अचानक वो ग़ायब होता है, किडनैप होता है और पुलिस बल के बीच उसे आरओ ऑफिस लाकर उनका नामांकन वापस कराया जाता है और वो फिर ग़ायब हो जाता है।
सिसोदिया ने कहा कि हमें उस उम्मीदवार की व्यक्तिगत रूप से भी चिंता है और इस बात की चिंता भी है कि जब भारतीय जनता पार्टी चुनाव हार रही है तो उम्मीदवारों को किडनैप कर रही है और चुनाव की पूरी संस्था को ख़त्म करना चाहती है। यह लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक इसलिए हमने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि इस पूरे मामले की जाँच की जाये कि आख़िरकार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कंचन जी कहा गये थे, उन्हें कौन ले गये थे और किडनैप करने वाले लोगों ने उन्हें कहा रखा था। उन्हें पुलिस कहा से लेकर आई और अब दोबारा भाजपा के गुंडे उन्हें कहा लेकर गये है।