अंतराष्ट्रीय

971 युद्ध की रणनीति बनाने वाले वे 3 भारतीय ऑफिसर, जिन्हें आज भी बांग्लादेश में मिलता है सम्मान

नई दिल्ली पूरी दुनिया यह जानती है कि साल 1971 में अगर भारतीय सेना, पूर्वी पाकिस्तान में रह रहे लोगों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ खड़ी न होती तो आज बांग्लादेश आज़ाद न होता। आज भी बांग्लादेश में भारतीय सेना के अफसरों को सम्मान मिलता है। पाकिस्तान पर भारत की जीत सुनिश्चित करने में भारतीय सेना के जनरल सैम मानेक शॉ, जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा और जनरल जेएफआर जैकब ने बड़ी भूमिका निभाई। आइए आपको इन तीनों से मिलवाते हैं:
पूर्वी पाकिस्तान में बढ़ते तनाव और भारत में शरणार्थियों की संख्या देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मार्च, 1971 में ही पाकिस्तान पर चढ़ाई करना चाहती थीं लेकिन थलसेना प्रमुख मानेक शॉ ने इस पर असहमति जताई थी और 6 महीने का समय मांगा था। मानेक शॉ का एक किस्सा काफी चर्चा में था कि कैसे युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा था कि क्या आप मेरा तख्ता पलटने वाले हैं। इस सवाल पर मानेक शॉ ने अपने अंदाज में कहा, ‘क्या आपको नहीं लगता कि मैं आपका सही उत्तराधिकारी साबित हो सकता हूं, क्योंकि आप की तरह ही मेरी नाक भी लंबी है लेकिन मैं अपनी नाक किसी के मामले में नहीं डालता। सियासत से मेरा दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं और यही अपेक्षा मैं आप से भी रखता हूं।’

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button