अंतराष्ट्रीय

पाकिस्तान में 90% अवाम ने होटलों (hotels.)में खाना बंद किया

इस्लामाबाद: पाकिस्‍तान में आसमान छूती महंगाई के कारण 90 प्रतिशत लोगों ने होटलों (hotels.) में खाना बंद कर दिया है. नकदी की तंगी से जूझ रहे पाकिस्‍तान में हालात बदतर हो गए हैं. यहां गरीब और मजदूर वर्ग को दाने-दाने के लिए मोहताज देखा जा सकता है. देश भर में स्थापित आटा वितरण केंद्रों पर हजारों लोगों की भीड़ देखी जा रही है. इन केंद्रों पर भी हालात लूटपाट और मारपीट के बन रहे हैं. हाल ही में एक केंद्र पर हुई भगदड़ में 16 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं कई जगहों पर आटे के बैग्‍स वाले ट्रकों को लूट लिया गया था. महंगाई के कारण निम्‍न वर्ग के लोगों के पास खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा है. स्‍थानीय लोगों और सरकारी मदद पर ही लाखों लोग गुजर बसर कर रहे हैं.

पाकिस्‍तान में महंगाई और उसके असर को लेकर एक शोध संगठन ‘गैलप पाकिस्‍तान’ ने एक सर्वे किया है. जिसके निष्‍कर्षों में कहा गया है कि इस्‍लामाबाद में 10 में से 9 लोगों (89 फीसद) ने यह स्‍वीकार किया है कि वे होटलों और रेस्‍तरां आदि में जाकर बाहर का खाना नहीं खा रहे. महंगाई के कारण यह शौक छोड़ देना ही बेहतर है. लोगों का कहना है कि होटल उद्योग पर महंगाई का असर देखा जा रहा है. हालांकि 9 प्रतिशत लोगों ने यह कहा है कि वे पहले की तरह ही होटल, रेस्‍तरां आदि में जाकर भोजन करते हैं. महंगाई के कारण कुछ धन अधिक खर्च करना पड़ता है, लेकिन इसका उनकी खानपान की आदत पर कोई खास अंतर नहीं पड़ा है.

1970 के दशक के बाद से अब तक की सबसे ऊंची महंगाई दर
सांख्यिकी ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने कहा कि 1970 के दशक में मासिक रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से मुद्रास्फीति, ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई साल-दर-साल सबसे अधिक वृद्धि थी. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास जो डेटा है, उसमें दर्ज की गई यह अब तक की सबसे ऊंची महंगाई दर है.’ सरकारी एजेंसी ने आगे खुलासा किया कि मार्च में वार्षिक खाद्य मुद्रास्फीति शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए क्रमशः 47.1 प्रतिशत और 50.2 प्रतिशत थी, जबकि मुख्य मुद्रास्फीति, जो खाद्य और ऊर्जा को अलग करती है, शहरी क्षेत्रों में 18.6 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 23.1 प्रतिशत थी.

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